हाफिज सईद (सोर्स- सोशल मीडिया)
Lashkar-e-Taiba Network in Pakistan: पाकिस्तान का कुख्यात आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) भारत के हाथों ऑपरेशन सिंदूर में मिले झटके से उबरता नजर आ रहा है। लश्कर ने एक बार फिर पाकिस्तान में अपनी सक्रियता तेज कर दी है। 26/11 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड और संगठन के मुखिया हाफिज सईद के नेतृत्व में यह समूह अब छात्रों, युवाओं और मजदूरों के लिए नए संगठनों का निर्माण कर रहा है। इसका खुलासा हाल ही में हाफिज सईद के बेटे तल्हा सईद के एक वीडियो से हुआ।
लश्कर-ए-तैयबा भारत में कई बड़े आतंकी हमलों में शामिल रहा है और संयुक्त राष्ट्र ने इस संगठन के साथ इसके नेताओं को भी प्रतिबंधित किया हुआ है। इन्हीं पाबंदियों से बचने के लिए लश्कर अब अलग-अलग नामों और तरीकों से अपनी गतिविधियाँ चला रहा है। दुनियाभर की निगरानी से बचने के लिए लश्कर-ए-तैयबा पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग (PMML) का इस्तेमाल एक फ्रंट संगठन के रूप में करता है।
पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग बाहर से एक राजनीतिक पार्टी दिखाई देती है और दावा करती है कि उसका लश्कर से कोई संबंध नहीं है, लेकिन कई बड़े आतंकी इसी पार्टी की रैलियों में देखे जाते हैं। अब लश्कर ने अपने नेटवर्क को और फैलाने के लिए नई रणनीति इस्तेमाल की है, ताकि सुरक्षा एजेंसियाँ भी इसे आसानी से पकड़ न सकें।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, PMML के नाम पर बनाए गए कई सोशल मीडिया पेज पूरे पाकिस्तान में लश्कर का ग्राउंड नेटवर्क तैयार कर रहे हैं। इनमें मुस्लिम स्टूडेंट लीग, मुस्लिम यूथ लीग, मुस्लिम विमेन लीग, मुस्लिम गर्ल्स लीग और मुस्लिम किड्स जैसे समूह शामिल हैं। इन पेजों के जरिए लश्कर अपनी राजनीतिक सोच और विचारधारा को युवाओं तक पहुँचा रहा है। इसका असर यह हो रहा है कि बड़ी संख्या में पाकिस्तानी युवक इस संगठन के संपर्क में आ रहे हैं।
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लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष नेता राजनीतिक गतिविधियों की आड़ में पाकिस्तान के अलग-अलग इलाकों में रैलियाँ भी कर रहे हैं। इनमें तल्हा सईद, सैफुल्लाह खालिद, हाफिज अब्दुल रऊफ, फैसल नदीम, फैयाज अहमद, मुज्माइल इकबाल, मुहम्मद हैरिस डार और कारी मुहम्मद याकूब शामिल हैं। ये सभी नेताओं युवाओं को भारत के खिलाफ भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। इसके साथ ही वे पाकिस्तान में फंडिंग भी जुटा रहे हैं, जिससे आने वाले समय में भारत की सुरक्षा चुनौतियाँ और बढ़ सकती हैं।