डोनाल्ड ट्रंप ने बना दिया काश पटेल FBI डायरेक्टर(सौ. सोशल मीडिया)
वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी टीम में भारतियों को अहम पद दिया है। इसमें से एक नाम काश पटेल का भी है। इनका नाम पहले CIA चीफ बनने की दौड़ में सबसे आगे था। लेकिन ट्रंप मे उन्हें इससे बड़ी जिम्मेदारी दे दी है। डोनाल्ड ट्रंप ने काश पटेल का नाम FBI (फेडेरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन) के डायरेक्टर पद के लिए चुना है। हाल ही में CIA के लिए जॉन रैटक्लिफ को चुना गया है।
माना जा रहा है कि ट्रंप द्वारा लिया गया यह निर्णय अमेरिका की प्रमुख कानून प्रवर्तन एजेंसी में बड़े बदलाव लाने लिए और सरकार से कथित षड्यंत्रकारियों को हटाने की उनकी की मंशा को दर्शाता है। यही कारण है कि ट्रंप के काश पटेल को FBI डायरेक्टर बनाने पर वाशिंगटन में हलचल मच गई है।
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20 जनवरी 2025 से डोनाल्ड ट्रंप का नया कार्यकाल शुरू होगा। काश पटेल को अपनी टीम में चुनते हुए ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा है कि मैं गर्व के साथ घोषणा करता हूं कि काश पटेल संघीय जांच ब्यूरो के अगले निदेशक होंगे। काश पटेल एक शानदार वकील, जांचकर्ता और अमेरिका फर्स्ट योद्धा हैं। उन्होंने भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया, न्याय का बचाव किया और अमेरिकी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की है।
ट्रंप के बारे में कहा जा रहा है कि वे अलग-अलग पद पर नियुक्ति के लिए इस बार बहुत एहतियात बरत रहे है। वे शुरू से यही संकेत देते रहे है कि इस बार कार्यकाल का नेतृत्व वो अपने वफादारों के ही देंगे। काशा पटेल को ट्रंप का वफादार और करीबी माना जाता है।
भारतीय मूल के काश पटेल की गिनती ट्रंप के करीबियों में होती है। 44 वर्षीय वे ट्रंप के वफादार रहे हैं। उनका जन्म 1980 में न्यूयॉर्क के गार्डन सिटी में गुजराती भारतीय माता-पिता के घर हुआ था। जिसके बाद वे कनाडा के रास्ते पूर्वी अफ्रीका से संयुक्त राज्य अमेरिका में आकर बस गए थे। पटेल के पिता एक विमानन फर्म में वित्तीय अधिकारी के रूप में काम करते थे।
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काश पटेल ने न्यूयॉर्क से लॉ की डिग्री हासिल की है। साथ ही ब्रिटेन में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के लॉ डिपार्टमेंट से अंतरराष्ट्रीय कानून में प्रमाण पत्र भी प्राप्त किया। इसके बाद वह पब्लिक डिफेंडर बन गए। हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के स्टाफ के रूप में उन्होंने ट्रंप प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया था। न्याय विभाग में शामिल होने से पहले मियामी में स्थानीय और संघीय अदालतों में लगभग नौ साल बिताए।