
किम जोंग उन और उत्तर कोरिया के सैनिक (सोर्स- सोशल मीडिया)
Kim Jong Un soldiers dead: उत्तर कोरिया ने आखिरकार सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार कर लिया है कि उसने यूक्रेन युद्ध में रूस की मदद के लिए अपने सैनिक भेजे थे। उत्तर कोरियाई सुप्रीम लीडर किम जोंग उन ने खुद यह खुलासा किया कि उनके देश के सैनिकों को रूस के कुर्स्क क्षेत्र में खतरनाक लैंड माइन (बारूदी सुरंगें) साफ करने के लिए तैनात किया गया था। यह बयान उन पश्चिमी खुफिया दावों की पुष्टि करता है, जिनमें रूस-उत्तर कोरिया के बीच बढ़ते सैन्य सहयोग की बात कही गई थी।
उत्तर कोरिया ने पहली बार सार्वजनिक रूप से यह माना है कि उसने रूस के कुर्स्क क्षेत्र में लैंड माइन (बारूदी सुरंगें) हटाने के लिए एक इंजीनियरिंग रेजिमेंट को तैनात किया था। यह क्षेत्र यूक्रेन युद्ध से बुरी तरह प्रभावित रहा है। सरकारी मीडिया के जरिए दिए गए बयान में किम जोंग उन ने बताया कि यह मिशन अगस्त से शुरू होकर 120 दिनों तक चला।
किम ने कहा कि माइन क्लियरेंस एक बेहद खतरनाक काम है, जिसके बावजूद सैनिकों ने ‘लगातार मानसिक और शारीरिक दबाव’ के बीच असाधारण साहस दिखाया और कुछ ही महीनों में एक बड़े खतरनाक इलाके को सुरक्षित क्षेत्र में बदल दिया। इससे पहले पश्चिमी खुफिया एजेंसियां कई बार दावा कर चुकी थीं कि उत्तर कोरिया ने हजारों सैनिक रूस की मदद के लिए भेजे हैं, जिसकी यह अब तक की सबसे मजबूत पुष्टि है।
सुप्रीम लीडर किम जोंग उन ने बताया कि लैंड माइन हटाने के इस जोखिम भरे अभियान में उत्तर कोरिया के नौ सैनिकों की मौत हो गई। उन्होंने मारे गए सैनिकों को मरणोपरांत सरकारी सम्मान देने की घोषणा करते हुए कहा कि इससे उनकी बहादुरी ‘हमेशा के लिए अमर’ हो जाएगी।
समारोह के दौरान की तस्वीरों में किम लौटे हुए सैनिकों को गले लगाते हुए दिखाई दिए, जिनमें से कुछ घायल थे और व्हीलचेयर पर बैठे थे। किम ने सैनिकों के भावनात्मक पक्ष का भी जिक्र किया कि वे माइन क्लियरेंस के दौरान अपने गांवों और परिवारों को चिट्ठियां लिखा करते थे।
किम जोंग उन के इस बयान से यह पूरी तरह साफ हो गया है कि रूस और उत्तर कोरिया के बीच सैन्य सहयोग लगातार बढ़ रहा है। उत्तर कोरिया न सिर्फ रूस को युद्ध सामग्री दे रहा है, बल्कि अपने सैनिकों को भी सबसे जोखिमभरे अभियानों में भेज रहा है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि इसके बदले में रूस, उत्तर कोरिया को अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के असर को कम करने में मदद कर रहा है। रूस कथित तौर पर प्योंगयांग को आर्थिक सहायता, सैन्य तकनीक, खाद्य सामग्री और ऊर्जा की आपूर्ति कर रहा है। किम के इस कबूलनामे ने भू-राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ ला दिया है, जो दर्शाता है कि यूक्रेन युद्ध में दोनों देशों की भागीदारी अब खुलकर सामने आ गई है।






