कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो
ओटावा: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के सुर बदले-बदले से लग रहे हैं। देश में खालिस्तान समर्थकों की मौजूदगी की बात को उन्होंने स्वीकार किया है। लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ये खालिस्तानी समर्थक कनाडा में सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।
ट्रूडो ने यह टिप्पणी ओटावा के पार्लियामेंट हिल में दिवाली समारोह के दैरान की। उन्होंने कहा कि कनाडा में खालिस्तान के कई समर्थक हैं, लेकिन वे पूरे सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।
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सभी हिंदू कनाडाई लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं करते
इसी तरह कनाडा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के समर्थक भी हैं, लेकिन वे सभी हिंदू कनाडाई लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। पिछले साल सितबंर में ट्रूडो द्वारा हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता के आरोप लगाए जाने के बाद दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए थे।
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भरात ने ट्रूडो के आरोपों को बेतुका बताकर खारिज कर दिया था। भारत का कहना है कि दोनों देशों के बीच मुख्य मुद्दा यह है कि कनाडा अपनी धरती से गतिविधियों का संचालन कर रहे खालिस्तान समर्थक तत्वों को बिना किसी रोक-टोक के जगह दे रहा है। (एजेंसी)
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मामला कनाडा के नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की पिछले साल हुई हत्या से शुरू हुआ था, जिसमें कनाडा ने भारत की भूमिका पर सार्वजनिक तौर पर सवाल उठाए थे।तेजी से बदलते इन हालातों का भारत पर किस प्रकार का प्रभाव पड़ेगा? क्या कनाडा के साथ बिगड़ते संबंधों के कारण भारत और अमेरिका के रिश्तों में भी उलझनें पैदा हो सकती हैं।