विदेश मंत्री एस जयशंकर
नई दिल्ली: केंद्रीय विदेश मंत्री डा. एस जयशंकर अगले हफ्ते फ्रांस के दौरे पर जाएंगे। यहां जयशंकर चीन और पाकिस्तान की ओर से राफेल लड़ाकू विमान को लेकर फैलाए जा रहे झूठ का पर्दाफाश करना है। जयशंकर अपने इस दौरे से यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि कोई भी देश भारत और फ्रांस की दोस्ती को लेकर किसी भी प्रकार के भ्रम में न रहे।
चीन और पाकिस्तान ने पिछले दिनों राफेल लड़ाकू विमानों की गुणवत्ता को लेकर भ्रमित करने वाली खबरें फैलाने की कोशिश की थी। जयशंकर इन्हीं दावों को दूर करने के लिए फ्रांस की यात्रा पर जा रहे हैं। जहां वह कई अलग-अलग मंचों पर राफेल को लेकर किए गए दावों का सच दुनिया के सामने रखेंगे।
चीन और पाकिस्तान ने हाल ही में यह दावा किया था कि भारत के राफेल फाइटर जेट्स, जो फ्रांस से खरीदे गए हैं, चीन-पाकिस्तान के एयर डिफेंस के सामने लाचार साबित हुए थे। पाकिस्तान ने दावा किया था कि पिछले महीने भारत के साथ संघर्ष के दौरान उन्होंने कई विमान गिराए हैं। भारत ने विमान गिरने की बात तो कही थी, लेकिन यह नहीं बताया था कि कहां कौन सा विमान गिराया गया है।
पाकिस्तान और चीन प्रोपेगेंडा फैलाने की कोशिश कर रहे हैं कि जे-10सी फाइटर जेट और पीएल-15 मिसाइल के कॉम्बिनेशन से राफेल गिराया गया है। पाकिस्तान के इस दावे को कुछ पश्चिमी देशों का समर्थन भी मिला है।
भारत ने चीन और पाकिस्तान के दावे को सिरे से खारिज कर दिया था। हालांकि खबर है कि इसे लेकर फ्रांस के सांसद मार्क चावेंट ने चिंता जताई है। मार्क चावेंट ने विदेश मंत्री से राफेल के नुकसान के बारे में सवाल पूछा है। उन्होंने कहा, “पता चला है कि पाकिस्तान के जे-10सी विमान से पीएल-15ई मिसाइल से हमला करके एक भारतीय राफेल विमान को मार गिराया गया है। इस विमान में KLJ-10A AESA रडार लगा हुआ था।”
उन्होंने आगे कहा कि, राफेल का स्पेक्ट्रा इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम हमले को पकड़ नहीं पाया और क्या फ्रांस को यह डर है कि राफेल की तकनीक और एयरोस्पेस डिफेंस में उसकी लीडरशिप पर सवाल उठेंगे?
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जयशंकर फ्रांसीसी सांसद की इसी चिंता को दूर करने के लिए फ्रांस जा रहे हैं। विदेश मंत्री 8 जून से 14 जून तक यूरोप की यात्रा करेंगे। इस दौरान वह फ्रांस के अलावा यूरोपीय संघ और बेल्जियम भी जाएंगे।