जैश और लश्कर-ए-तैयबा की मीटिंग (सोर्स- सोशल मीडिया)
Jaish-e-Mohamme Lashkar-e-Taiba Meeting: पाकिस्तान में आतंकवाद का गढ़ माने जाने वाला बहावलपुर एक बार फिर सुर्खियों में है। यह वही इलाक़ा है जिसे भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद हुए ऑपरेशन सिंदूर में निशाना बनाकर बड़ी क्षति पहुँचाई थी। इसके बावजूद ताजा रिपोर्टों में सामने आया है कि पाकिस्तान के दो कुख्यात आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद ने बहावलपुर में एक संयुक्त बैठक की है।
इस बैठक का मकसद भारत के खिलाफ भविष्य की आतंकी गतिविधियों की रणनीति तैयार करना बताया जा रहा है। इन दोनों संगठनों के एक मंच पर आने से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की चिंता स्वाभाविक रूप से बढ़ गई है। इसका खुलाया एनडीटीवी ने अपनी एक हालिया रिपोर्ट में किया है। जिसने भारत में सुरक्षा एजेंसियों की चिंता को बढ़ा दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, बहावलपुर में हुई इस बैठक की कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं। इनमें लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी चीफ सैफुल्लाह कसूरी को जैश-ए-मोहम्मद के कमांडरों के साथ देखा गया है। ये तस्वीरें उन हालिया खुफिया चेतावनियों को पुष्ट करती हैं, जिनमें दावा किया गया था कि दोनों आतंकी समूह तेजी से सहयोग बढ़ा रहे हैं। माना जा रहा है कि यह बैठक पाकिस्तान की सेना और उसकी खुफिया एजेंसी ISI के दबाव या दिशा-निर्देश पर आयोजित की गई।
इसी के साथ रिपोर्ट्स में यह भी खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर(PoK) के रावलकोट इलाके में आतंकियों के नए लॉन्च पैड फिर से सक्रिय किए जा रहे हैं। इन्हें भी ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने निशाना बनाया था। बताया जा रहा है कि जैश-ए-मोहम्मद, लाल किले के पास हुए कार बम धमाके के बाद एक और फिदायीन दस्ते की तैयारी में जुटा है और इसके लिए भारी मात्रा में धन एकत्र किया जा रहा है।
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खुफिया जानकारी बताती है कि पाकिस्तान की सरकार और उसके तंत्र की अप्रत्यक्ष सहायता से ये आतंकी संगठन कश्मीर के नाम पर आम लोगों से चंदा जुटा रहे हैं। खास बात यह है कि चंदा इकट्ठा करने के लिए डिजिटल माध्यमों का भी उपयोग किया जा रहा है। इसमें SadaPay नामक पाकिस्तानी ऐप का उल्लेख किया गया है, जिसका इस्तेमाल कथित रूप से लाल किले के पास हुए धमाके के लिए फंडिंग में भी हुआ था।