इजराइल के सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-ग्विर (फोटो- सोशल मीडिया)
Israel Minister Ben Gvir Al-Aqsa Mosque: इजराइल के सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-ग्विर ने रविवार को यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद में जाकर प्रार्थना की। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर एक यहूदी संगठन की। इसमें ग्विर प्रार्थना करते नजर आ रही है। इसके लेकर अब विवाद शुरू हो गया है।
अल-अक्सा मस्जिद को मक्का और मदीना के बाद तीसरा से पवित्र स्थान माना जाता है। जहां गैर मुस्लिम के प्रवेश पर सख्त मनाही है, वहीं यहूदी समुदाय के सबसे पवित्र मंदिर भी अल-अक्सा मस्जिद के परिसर में है। जहां यहूदी जा सकते हैं, लेकिन प्रर्थाना नहीं कर सकते। इसके मुस्लमानों के साथ यहूदी समुदाय के लोग भी ग्विर की आलोचना कर रहे हैं।
इजराइल के मंत्री इटामार बेन-ग्विर ने कहा कि उन्होंने गाजा में हमास के खिलाफ इजराइल की विजय और बंधकों की रिहाई के लिए प्रार्थना की। साथ ही, उन्होंने गाजा पर पूर्ण कब्जा करने की अपनी मांग को फिर से दोहराया।
Hardcore Israeli minister Itamar Ben‑Gvir storms into the Al‑Aqsa Mosque compound in occupied Jerusalem, leading settlers in Jewish rituals inside Islam’s 3rd holiest site.
This is a calculated provocation — a direct assault on Muslim heritage and the sanctity of Al‑Aqsa. pic.twitter.com/ttIVtX3vlz
— Zohran Mamdani (@zohranmamdani) August 3, 2025
वहीं, इस स्थल की देखभाल करने वाली संस्था ने बताया कि बेन-ग्विर के साथ 1,250 लोग वहां गए, और कुछ लोगों ने प्रार्थना की, नारे लगाए तथा नृत्य किया। फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के प्रवक्ता नबील अबू रुदैन ने इस दौरे की कड़ी निंदा करते हुए इसे “सारी हदें पार करने वाला” करार दिया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेष रूप से अमेरिका से हस्तक्षेप की अपील की और गाजा में युद्ध रोकने की मांग की।
इतामार बेन-ग्विर के अल-अक्सा मस्जिद परिसर में प्रार्थना को लेकर विवाद बढ़ता देख इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे लेकर सरकार का पक्ष रखा। नेतन्याहू ने कहा कि, नियम नहीं बदले हैं और न ही बदलेंगे।
बेन-ग्विर का नाम इजराइल के सबसे विवादित नेताओं लिया जाता है। वो इजराइल की दक्षिणपंथी पार्टी ‘रिलिजियस ज़िओनिस्ट’ से जुड़े हुए हैं। वे कट्टरपंथी यहूदी नेता माएर काहाने की काहानिस्ट विचारधारा के अनुयायी हैं, जिसमें यह विश्वास किया जाता है कि इजराइल में गैर-यहूदियों को मतदान का अधिकार नहीं मिलना चाहिए। बेन-ग्विर माएर काहाने को एक धर्मात्मा नेता मानते हैं।
ये भी पढ़ें- चौथी शादी करने के मूड में ट्रंप, अमेरिकी राष्ट्रपति दोहराएंगे क्लिंटन वाला कांड
रविवार को उनके अल-अक्सा मस्जिद परिसार में जाने से इसलिए भी विवाद हो गया क्योंकि उनका ये दौरा ‘तिशा बाव’ दिन हुआ, इस दिन को यहूदी प्राचीन मंदिरों के विध्वंस की याद में उपवास करने का दिन होता है।