अमेरिका यूएन में पाकिस्तान के प्रस्ताव पर विटो कर सकता है (फोटो- सोशल मीडिया)
न्यूयॉर्क: मिडिल ईस्ट में तनाव इस समय अपने चरम पर है। इजराइल-ईरान युद्ध में अमेरिका के कूदने से हालात और गंभीर हो गए हैं। इसी बीच रविवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की आपात बैठक बुलाई गई थी। यहां पाकिस्तान ने इजराइल और ईरान में युद्धविराम के लिए एक मसौदा पेश किया, जिसके पास होने की उम्मीद बहुत कम है।
पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में ईरान-इजराइल युद्ध को रोकने के लिए एक मसौदा तैयार किया है, जिसमें ईरान में हुए हमले की कड़ी निंदा करने के साथ तत्काल प्रभाव से युद्धविराम करने की अपील की गई है। इस मसौदे की खास बात यह है कि इसमें कहीं भी अमेरिका का उल्लेख नहीं है। माना जा रहा है कि यदि यह प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र में मतदान के लिए लाया गया, तो अमेरिका संभवतः इसे वीटो कर देगा। इससे अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की बेइज्जती होना तय है। हालांकि पाकिस्तान को इसमें रूस और चीन का साथ जरूर मिल गया है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की आपात बैठक में यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष पर चिंता जताई। गुटेरस ने कहा, अमेरिका द्वारा ईरानी परमाणु सुविधाओं पर की गई बमबारी पहले से ही अस्थिर हालातों से जूझ रहे इस देश को एक खतरनाक मोड़ पर ले जा रही है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए कूटनीतिक प्रयासों को प्राथमिकता देना आवश्यक है, नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी और समुद्री परिवहन की सुरक्षा की गारंटी देनी होगी।
The US used Pakistan’s airspace to carry out an attack on Iran. #IranIsraelConflict #IranVsIsrael #WorldWar3 #USAirForce pic.twitter.com/CM6ZVhVRrn
— himanshi ♡ (@me__himanshi) June 22, 2025
उन्होंने कहा, हमें लड़ाई को रोकने और ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर गंभीर और सतत वार्ता की दिशा में तुरंत तथा निर्णायक कदम उठाने की आवश्यकता है। परमाणु अप्रसार संधि अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की एक मजबूत आधारशिला है, और ईरान को इसका पूर्ण रूप से पालन करना चाहिए। सभी सदस्य देशों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर तथा अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून सहित अन्य अंतरराष्ट्रीय विधियों के तहत अपने दायित्वों का ईमानदारी से पालन करना चाहिए।
यूएनएससी बैठक में रूस के राजदूत वसीली नेबेन्ज़्या ने अमेरिकी हमले पर अपनी नाराजगी जाहिर की। नेबेन्ज़्या ने अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले को लेकर कहा कि यह कदम पेंडोरा बॉक्स खोलने जैसा है। उन्होंने कहा कि यह न केवल हजारों फलस्तीनी महिलाओं, बच्चों और बूढ़ों की हत्याओं की अनदेखी कर रहा है, बल्कि पूरी मानवता की सुरक्षा और भलाई के साथ भी समझौता हो रहा है।
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वहीं, यूएन में अमेरिकी राजदूत डोरोथी शीया ने ईरान को चेतावनी दी है कि उसके नागरिकों या सैन्य ठिकानों पर किसी भी हमले का जवाब विनाशकारी होगा। अमेरिकी राजदूत ने कहा कि ईरानी परमाणु केंद्रों पर अमेरिकी हमलों का मकसद उसकी संवर्धन क्षमता को खत्म करना था। ईरान ने परमाणु हथियार कार्यक्रम छिपाया और वार्ताओं में बाधा डाली। अमेरिका ने अपने हितों और सहयोगियों की रक्षा के लिए निर्णायक कार्रवाई की है और ईरान को आगे बढ़ने से रोका है।