बेंजामिन नेतन्याहू, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Israel Hamas conflict: गाजा में जारी संघर्ष के बीच, इजरायल ने हमास को पूरी तरह समाप्त करने का फैसला किया है। इजरायल की सुरक्षा समिति ने प्रधानमंत्री नेतन्याहू की गाजा के कुछ नए इलाकों पर नियंत्रण पाने की योजना को गुरुवार को मंजूरी दे दी है। इस अभियान के करीब चार से पांच महीने तक चलने की संभावना है। इसके चलते लगभग दस लाख से अधिक फिलिस्तीनी नागरिकों को अपना घर छोड़ना पड़ेगा। हालांकि, इजरायल के शीर्ष सुरक्षा अधिकारी इस योजना को लेकर चेतावनी दे रहे हैं कि इससे वहां मौजूद बंदियों की सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता है।
इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री नेतन्याहू के कार्यालय ने बताया कि इस योजना का मुख्य मकसद आतंकवादी संगठन हमास के बचे हुए बच्चे लड़ाकों को समाप्त करना और 50 बंधकों की रिहाई के लिए दबाव बनाना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हमास के कब्जे में बंधकों में से केवल 20 के जीवित होने के प्रमाण मिले हैं। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र ने इस योजना को लेकर इजरायल को चेतावनी भी दी है।
कल भारतीय पत्रकारों से बात करते हुए इजरायली प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी योजना गाजा पर पूरी तरह कब्जा करने या उसे इजरायल में मिलाने की नहीं है। उनका मकसद सिर्फ अपने बंधकों को आज़ाद कराना है और हमास को पूरी तरह खत्म कर गाजा की जिम्मेदारी नई अस्थाई सरकार को सौंपना है।
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मीडिया की खबरों के अनुसार, हाल ही में एक समझौता टूटने के बाद इजरायल ने एक नई योजना बनाई है। इस योजना के तहत गाजा के उत्तरी शहरों और मध्य क्षेत्र के शिविरों पर कब्जा किया जाएगा, जिससे वहां की आधी आबादी दक्षिणी गाजा की ओर शिफ्ट हो जाएगी। इस ऑपरेशन के दौरान इजरायली सेना अपने साथ भारी मात्रा में राशन भी ले जाएगी, जिसे गाजा के निवासियों में वितरित किया जाएगा।
इजरायल की इस योजना पर हमास ने कड़ा विरोध जताया है। हमास ने नेतन्याहू की घोषणा की निंदा करते हुए इसे तख्तापलट की कोशिश बताया। उनका कहना है कि नेतन्याहू की यह आक्रामक रणनीति इस बात का संकेत है कि वह जल्द से जल्द बंधकों को मुक्त करना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए वे अपने स्वार्थ और कट्टरपंथी एजेंडे की वजह से बंधकों की कीमत चुका सकते हैं।