ISIS लड़ाका सईदुल्लाह (सोर्स- सोशल मीडिया)
ISIS Fighter in Pakistan: अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने पाकिस्तान से पकड़े गए एक ISIS लड़ाके का कबूलनामा वीडियो जारी किया है। जिसमें सीमा पार भर्ती नेटवर्क, आतंकी ट्रेनिंग और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से कथित रूप से जुड़े घुसपैठ के रास्तों का खुलासा किया गया है। यह विडियो ऐसे समय में बाहर आया है जब तुर्की में तालिबान और पाकिस्तान के बीच शांति वार्ता विफल हो गई है।
तालिबान की इंटेलिजेंस एजेंसी से जुड़े एक चैनल द्वारा जारी इस वीडियो में मोहमंद एजेंसी के प्लारमान गांव का रहने वाला पाकिस्तानी नागरिक सईदुल्लाह खुद को ISIS-K का सदस्य बताता है। वीडियों में सईदुल्लाह ने बताया कि कैसे उसे कट्टरपंथी बनाया गया और फिर मना करना के बाद भी अफगानिस्तान भेज दिया गया।
वीडियो में सईदुल्लाह कहता है कि अफगानिस्तान में ISIS ऑपरेशन में शामिल होने से पहले उसे पाकिस्तान में कट्टरपंथी बनाया गया और टेरर कैंपों में ट्रेनिंग दी गई। उसके मुताबिक, क्वेटा के पास पहाड़ी इलाके में उसे हथियार चलाने और लड़ाई की ट्रेनिंग दी गई, जहाँ ओसामा नाम के व्यक्ति ने उसे चरमपंथी विचारधारा सिखाई। ट्रेनिंग के बाद वह पेशावर लौट आया, लेकिन कुछ महीनों बाद नुसरत नामक ऑपरेटिव ने उससे अफगानिस्तान जाकर ISIS में शामिल होने के लिए कहा।
“Pakistan Army is running ISIS Camps” Afghan security forces have arrested a member of ISIS who had been trained in Pakistan. The arrested individual, Saeedullah, a resident of the Mohmand Agency, admitted in the video that he had been sent to Afghanistan using a fake identity… pic.twitter.com/jSTxCNeMWv — Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) October 30, 2025
सईदुल्लाह का दावा है कि जब उसने मना किया, तो नुसरत ने उसके लिए एक नकली अफगान पहचान पत्र (तज़किरा) तैयार किया और उसे शरणार्थी के रूप में अफगानिस्तान भेज दिया। वह तोरखम बॉर्डर से होकर जलालाबाद पहुँचा, जहाँ नकाबपोश लोगों ने उसका स्वागत किया और कहा, यह पाकिस्तान से आया हमारा भाई है।
उसने आगे बताया कि अफगानिस्तान में उसने लगभग 20 विदेशी लड़ाकों के साथ काम किया। वीडियो के अंत में सईदुल्लाह ने अपने कर्मों पर पछतावा जताया और तालिबान के इस्लामिक अमीरात के प्रति वफादारी की कसम खाई।
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तालिबान और पाकिस्तान के बीच तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में शांति वार्ताएँ चल रही हैं, लेकिन दोनों पक्ष दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहमत नहीं हो पाए। पाकिस्तान चाहता था कि उसे अफगानिस्तान में मौजूद तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के ठिकानों पर हमलों की अनुमति दी जाए, जिसका तालिबान ने इनकार किया। दूसरी ओर तालिबान यह लिखित गारंटी चाहता था कि पाकिस्तान भविष्य में अफगानिस्तान पर कोई हमला नहीं करेगा और पाकिस्तान ने इस मांग को स्पष्ट रूप से ठुकरा दिया।