रूस के खिलाफ खौफनाक साजिश, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
अमेरिका की ओर से यूक्रेन को अब तक जो भी सैन्य सहायता मिल रही थी, वह पूरी तरह जो बाइडेन प्रशासन की नीतियों के अनुरूप थी। लेकिन अब हालात बदलते नजर आ रहे हैं। पहली बार डोनाल्ड ट्रंप ने खुलकर युद्ध नीति में हस्तक्षेप किया है और यूक्रेन को घातक हथियार भेजने का बड़ा कदम उठाया है।
ट्रंप के इस फैसले के बाद रूस के खिलाफ एक बड़ा सैन्य गठबंधन आकार ले रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह गठबंधन आने वाले समय में रूस के खिलाफ उसी तरह की कार्रवाई कर सकता है, जैसी हाल ही में ईरान के साथ हुई थी। गौरतलब है कि 22 जून को अमेरिका ने ईरान की तीन परमाणु साइटों पर हवाई हमले किए थे।
राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप ने शुरुआत में शांति स्थापित करने की कोशिश की थी, लेकिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कोई लचीलापन नहीं दिखाया। उलटे, यूक्रेन पर हमले और अधिक भीषण हो गए। हालात ये हैं कि न तो रूस पीछे हटने के संकेत दे रहा है और न ही शांति वार्ता की कोई संभावना नजर आ रही है। ऐसे में अमेरिका ने स्पष्ट कर दिया है कि अब जवाब में शक्ति का प्रदर्शन किया जाएगा।
डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन को अत्याधुनिक और बेहद घातक हथियारों की आपूर्ति को हरी झंडी दे दी है। इस पैकेज में गाइडेड मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम और 155 मिमी की विनाशकारी आर्टिलरी शेल्स शामिल हैं। इसके अलावा पैट्रियट डिफेंस सिस्टम को लेकर भी बातचीत जारी है। कुल मिलाकर लगभग 300 मिलियन डॉलर यानी करीब 2500 करोड़ रुपये के हथियार यूक्रेन को सौंपे जाएंगे।
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अमेरिका अब रूस के खिलाफ अकेले नहीं, बल्कि अपने सहयोगियों के साथ मिलकर बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा जैसे देश भी अमेरिका के साथ मिलकर रणनीति बना रहे हैं। NATO देशों को अमेरिका अपने हथियार उपलब्ध कराएगा ताकि वे यूक्रेन को समर्थन दे सकें। इसके साथ ही, रूस के ठिकानों पर एयरस्ट्राइक को लेकर भी गंभीर विचार-विमर्श चल रहा है।
डोनाल्ड ट्रंप के निर्णय पर रूस ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। रूस का कहना है कि अमेरिका और NATO अपने इस कदम से युद्ध को और भड़का रहे हैं। मॉस्को ने सख्त चेतावनी दी है कि अगर NATO देशों ने यूक्रेन को और हथियारों की मदद दी, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।