राफेल ग्रॉसी (फोटो- सोशल मीडिया)
तेहरान: ईरान ने इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) के चीफ राफेल ग्रॉसी को फांसी की सजा देने की बात कही है। ईरान ने ग्रॉसी पर मोसाद का जासूस होने का आरोप लगाया है। ईरान और इजराइल के बीच संघर्ष के दौरान अमेरिका ने तीन परमाणु ठिकानों पर हमले किए थे। अब इसे लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें दावा किया गया है कि ये हमले इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) के चीफ राफेल ग्रॉसी के बयान के बाद हुए थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि ईरान परमाणु हथियार बनाने वाला है।
ईरानी सेना ने सोशल मीडिया में इससे जुड़ा एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें कहा गया है कि राफेल ग्रॉसी मोदास के लिए जासूसी करते हैं। ईरान ने कहा, ग्रॉसी के खिलाफ जासूसी और ईरानियों की हत्या में मिलीभगत के लिए मुकदमा चलाया जाना चाहिए। ग्रॉसी को फांसी दे देनी चाहिए। दर्जनों दस्तावेज यह साबित करते हैं कि वे जासूसी कर रहे थे।
Israel’s Master Spy at IAEA Must Be Executed
Kayhan newspaper (affiliated with Iran’s establishment): “Grossi must be tried and executed upon entering Iran for espionage and complicity in the killing of Iranians.”
“Dozens of documents prove his espionage for the Zionist regime.… pic.twitter.com/FxwCQcOflD
— Daily Iran Military (@IRIran_Military) June 29, 2025
राफेल ग्रॉसी ने हाल ही में दावा किया है कि इजराइल और अमेरिका के हमलों के बाद ईरान के परमाणु कार्यक्रम को अधिक नुकसान नहीं हुआ है और वह कुछ ही महीनों में फिर से परमाणु बम बनाने लायक यूरेनियम तैयार करने की क्षमता हासिल कर लेगा। ग्रॉसी ने कहा था कि ईरान की कुछ परमाणु ठिकानों को नुकसान पहुंचा है, लेकिन उसका मूल ढांचा अभी भी सुरक्षित है।
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IAEA ने कुछ दिन पहले चिंता जताई थी कि ईरान ने अमेरिकी हमलों से पहले अपने पास मौजूद 408.6 किलोग्राम (लगभग 900 पाउंड) 60% तक संवर्धित यूरेनियम को संभवतः किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित कर दिया है। यह संवर्धन स्तर परमाणु हथियार निर्माण के लिए जरूरी 90% स्तर से थोड़ा ही कम है, लेकिन इतनी मात्रा से नौ से अधिक परमाणु बम तैयार किए जा सकते हैं।