फिर हो सकता है ईरान-इजरायल में युद्ध, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
तेल अवीव: इजरायल के साथ संघर्षविराम लागू होने के बावजूद ईरान में लगातार विस्फोट हो रहे हैं। इस्लामिक गणराज्य की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन माहौल को देखकर यह स्पष्ट है कि यह एक बड़े तूफान से पहले की खामोशी हो सकती है। माना जा रहा है कि ईरान मुहर्रम की 10वीं तारीख यानी 6 जुलाई का इंतजार कर रहा है। जैसे ही इस दिन नेतन्याहू अमेरिका रवाना होंगे, ईरान की ओर से एक बड़ा हमला किया जा सकता है।
ईरान के पास अब सैन्य जवाब देने के अलावा कोई अन्य रास्ता नहीं दिख रहा। अगर नेतन्याहू को अमेरिका से एक और बार हमले की खुली छूट मिलती है, तो खामेनेई की स्थिति कमजोर हो सकती है। यही वजह है कि इस बार अनुमान लगाया जा रहा है कि खामेनेई कोई चूक नहीं करेंगे और इजरायल पर पहले ही आक्रामक कार्रवाई कर सकते हैं। ईरान यह भी स्पष्ट कर चुका है कि अगला युद्ध अगर शुरू हुआ, तो वह निर्णायक और पूरी ताकत के साथ लड़ा जाएगा।
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की बेचैनी बढ़ती दिख रही है। वजह ये मानी जा रही है कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू 6 जुलाई को अमेरिका की यात्रा पर जा रहे हैं, जहां वे ईरान पर सैन्य कार्रवाई की मंज़ूरी मांग सकते हैं। माना जा रहा है कि इसी संभावना को भांपकर खामेनेई पहले ही आक्रामक योजना पर काम शुरू कर चुके हैं।
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बताया जा रहा है कि 6 जुलाई को ईरान में यौम-ए-आशूरा मनाया जाएगा। जैसे ही इस दिन की धार्मिक रस्में और मजलिसें खत्म होंगी, खामेनेई इज़रायल पर जवाबी हमले का संकेत दे सकते हैं। यदि ऐसा हुआ, तो आईआरजीसी (IRGC) के कमांडर रात के अंधेरे में इज़रायल के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा सैन्य ऑपरेशन शुरू कर सकते हैं।
फिर हो सकता है ईरान-इजरायल में युद्ध
सूत्रों के अनुसार, ईरान इजरायल पर तीन चरणों में बड़ा हमला कर सकता है। यह हमला बेहद विनाशकारी होगा। ईरान एक ट्रिपल अटैक प्लान को अंजाम दे सकता है, जिसमें उसके साथ हिज्बुल्लाह और हूती विद्रोही भी शामिल होंगे। ईरान सीधे तौर पर इजराइल पर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला कर सकता है। हमले के दौरान साइबर वॉरफेयर शामिल होगा, जिसमें इजराइल की बिजली आपूर्ति प्रणाली, संचार नेटवर्क, बैंकिंग ढांचा, सैन्य ठिकाने और मुख्यालयों पर साइबर हमले किए जा सकते हैं।
उधर, इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कमांडरों को टारगेट कर रही है। इसके साथ ही इजरायल अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह समझाने में जुटा है कि ईरान न केवल अरब क्षेत्र के लिए, बल्कि यूरोप और अमेरिका के लिए भी गंभीर खतरा बन चुका है। इजरायल इस दावे के समर्थन में तीन प्रमुख तर्क दे रहा है:
ईरानी हमले की संभावित आशंका को अमेरिका और इज़रायल दोनों गंभीरता से ले रहे हैं। इसी कारण अमेरिका की सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के कमांडर तेल अवीव पहुंचे, जहां उन्होंने इज़रायली सेना प्रमुख इयाल जामिर और अन्य वरिष्ठ IDF अधिकारियों के साथ करीब तीन घंटे लंबी बैठक की। इस बैठक में ईरान और इज़रायल के बीच बीते 12 दिनों से जारी टकराव और भविष्य में ईरान से उत्पन्न होने वाले खतरों पर विस्तार से चर्चा हुई। इसके अलावा, CENTCOM कमांडर ने इज़रायली एयरफोर्स के भूमिगत कमांड सेंटर का भी निरीक्षण किया।