मौत की सांकेतिक, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
नवभारत इंटरनेशनल डेस्क: पाकिस्तान के कराची जेल में बंद एक भारतीय मछुआरे बाबू का निधन हो गया है। बाबू को पाकिस्तान की समुद्री सीमा में घुसने के आरोप में 2022 में गिरफ्तार किया गया था। जानकारी के मुताबिक, बाबू ने अपनी सजा पूरी कर ली थी और अब उनकी रिहाई की प्रक्रिया चल रही थी। लेकिन रिहाई से पहले ही उनकी मौत की खबर सामने आई है। बाबू के निधन ने जेल में बंद अन्य भारतीय मछुआरों की स्थिति पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
बता दें कि पाकिस्तान की जेलों में बंद भारतीय मछुआरे अपनी रिहाई की उम्मीद लगाए बैठे हैं। इनमें बाबू नाम के मछुआरे के अलावा 180 अन्य भारतीय भी शामिल हैं, जो अभी तक कैद हैं। इन मछुआरों को कथित रूप से समुद्री सीमा पार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार ने बार-बार पाकिस्तान से आग्रह किया है कि उसके द्वारा हिरासत में लिए गए भारतीय मछुआरों को जल्द से जल्द रिहा किया जाए। हालांकि अब तक भारत की इस अपील के बावजूद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। हाल ही में विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि पाकिस्तान की जेलों में कुल 209 भारतीय मछुआरे बंद हैं।
जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान ने 2021 से अब तक कुल 209 भारतीय मछुआरों को हिरासत में लिया है। इनमें 51 मछुआरे 2021 से, 130 मछुआरे 2022 से, 9 मछुआरे 2023 से, और 19 मछुआरे 2024 में गिरफ्तार किए गए।
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पाकिस्तान की जेलों में भारतीय मछुआरों की स्थिति पर एक बार फिर सवाल उठे हैं। इससे पहले महाराष्ट्र के मछुआरे विनोद लक्ष्मण कोल, जिनको अक्टूबर 2022 में पाकिस्तान की समुद्री सीमा में मछली पकड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उनकी भी 17 मार्च 2024 को मौत हो गई।
गिरफ्तारी के बाद जेल में उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। मार्च 2024 में उन्हें लकवे का अटैक हुआ, जिससे उनकी हालत और गंभीर हो गई। उचित इलाज के अभाव में उनकी जान चली गई। यह घटना भारतीय मछुआरों की दुर्दशा को उजागर करती है, जिनमें से कई बिना किसी ठोस आधार के पाकिस्तान की जेलों में बंद हैं।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, साल 2014 से अब तक पाकिस्तान ने 2,639 भारतीय मछुआरों को रिहा किया है। हालांकि, अभी भी सैकड़ों मछुआरे वहां की जेलों में बंद हैं। भारत सरकार लगातार इन मछुआरों की रिहाई की अपील कर रही है, ताकि उनके परिवारों को राहत मिले और उन्हें न्याय मिल सके।
पाकिस्तान में भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी का मुद्दा लंबे समय से दोनों देशों के रिश्तों में संवेदनशील विषय बना हुआ है। यह समस्या मछुआरों के समुद्री सीमा पार करने के मामलों से जुड़ी है, जो गलती से पड़ोसी देश के जलक्षेत्र में चले जाते हैं।