कनाडा में भारत के राजदूत दिनेश पटनायक (सोर्स- सोशल मीडिया)
India Canada Relations: कनाडा में भारत के नए राजदूत दिनेश पटनायक ने हाल ही में अपना पदभार संभाला। इस दौरान उन्होंने कहा कनाडा में खालिस्तान से जुड़े मुद्दों पर भारत का पक्ष रखते हुए साफ किया कि कनाडा में खालिस्तान से जुड़ा खतरा भारत की नहीं, बल्कि पूरी तरह से ओटावा की घरेलू जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि यह समस्या कुछ कनाडाई नागरिकों द्वारा खड़ी की जा रही है, और इसे कनाडा को अपने लॉ-एंड-ऑर्डर सिस्टम के तहत संभालना होगा। कनाडा इस स्थिति को भारत की समस्या के रूप में नहीं देख सकता। यह कनाडा की ही समस्या है। यह कुछ कनाडाई नागरिक हैं जो इसे पैदा कर रहे हैं।
पटनायक उन खालिस्तान समर्थक चरमपंथी समूहों की गतिविधियों की ओर इशारा कर रहे थे, जिन पर भारत पहले भी कई बार गंभीर चिंता जता चुका है। इसके साथ ही पटनायक ने अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने बताया कि उन्हें कनाडा में चरमपंथियों से खतरे के कारण सुरक्षा में रखा गया है।
उन्होंने कहा, यह अजीब है कि एक देश में भारत का हाई कमिश्नर सुरक्षा घेरे में रह रहा है। मुझे ऐसा नहीं लगना चाहिए कि मैं खतरे में हूं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग को लेकर गंभीर बातचीत हो रही है। इसमें भारत में कनाडाई नागरिकों की सुरक्षा और दोनों देशों में सक्रिय लॉरेंस बिश्नोई जैसे आपराधिक नेटवर्क पर ध्यान दिया जा रहा है।
पटनायक ने भारत-कनाडा रिश्तों में सुधार की दिशा में कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की भूमिका कोअहम बताया। उन्होंने रिश्तों में सुधार तो होना ही था, लेकिन कार्नी की लीडरशिप ने इस प्रक्रिया को तेज कर दिया। आप दो बड़े लोकतांत्रिक देशों को लंबे समय तक अलग नहीं रख सकते। उन्होंने यह भी जोड़ा कि डोनाल्ड ट्रंप ने भी एक भूमिका निभाई, लेकिन मौजूदा रिश्तों को पटरी पर लाने में कार्नी की भूमिका निर्णायक रही।
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भारत राजदूत ने पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसियों की कथित भूमिका के आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया।