यूएन में भारत के राजदूत हरीश पार्वथानेनी (सोर्स- सोशल मीडिया)
India in United Nations: संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पाकिस्तान को फिर चेतावनी दी है। भारत ने पाकिस्तान से पीओके (पाकिस्तान नियंत्रित कश्मीर) में मानवाधिकारों के उल्लंघन को तुरंत रोकने का आह्वान किया। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि पीओके में सरकार और सेना की दमनकारी नीतियों के कारण आम लोग लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इन प्रदर्शनों को दबाने के लिए सेना द्वारा हिंसक कार्रवाई की जा रही है, जिसमें कई लोगों की मौतें हुई हैं।
भारत ने स्पष्ट किया कि जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है। भारतीय स्थायी प्रतिनिधि हरीश पार्वथानेनी ने कहा कि इस क्षेत्र के लोग भारत की संवैधानिक और लोकतांत्रिक परंपराओं के अनुसार अपने मौलिक अधिकारों का प्रयोग करते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि ये लोकतांत्रिक अवधारणाएं पाकिस्तान के लिए अपरिचित हैं।
भारत ने पाकिस्तान से उसके द्वारा अवैध रूप से कब्जा किए गए क्षेत्रों में मानवाधिकार उल्लंघन रोकने की मांग की है। हरीश पार्वथानेनी ने कहा कि वहां की आबादी पाकिस्तान की सैन्य कार्रवाई, दमन और संसाधनों के अवैध दोहन के खिलाफ खुलकर विरोध कर रही है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस मामले पर ध्यान देने और पाकिस्तान पर दबाव डालने का अनुरोध किया।
#WATCH | At the UNSC Open Debate on ‘The United Nations Organization: Looking into the Future’, refereing to Pakistan’s statement, PR of India to the UN, Parvathaneni Harish, says, “… Let me emphasise that the Union Territory of Jammu and Kashmir has been, is, and will always… pic.twitter.com/PNV5Qp9AYA — ANI (@ANI) October 25, 2025
भाषण में यह भी बताया गया कि भारत पूरी दुनिया को एक परिवार के रूप में देखता है। भारत सभी समाज और समुदायों के लिए न्याय, सम्मान, अवसर और समृद्धि सुनिश्चित करने में विश्वास रखता है। यही कारण है कि भारत बहुपक्षवाद, अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी और सहयोग में भरोसा करता है।
हरीश पार्वथानेनी ने कहा कि भारत पूरी दुनिया को एक परिवार मानता है। यह दर्शन न केवल हमारे विश्वदृष्टिकोण का आधार है, बल्कि यही कारण है कि भारत ने सभी समाजों और लोगों के लिए न्याय, सम्मान, अवसर और समृद्धि का लगातार समर्थन किया है। भारत बहुपक्षवाद, अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी और सहयोग में विश्वास रखता है।
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उन्होंने कहा, यह वैश्विक दक्षिण के देशों के साथ हमेशा खड़ा रहा है और अपनी विशेषज्ञता व अनुभव से मदद करता रहेगा। उन्होंने सभी सदस्य देशों से आग्रह किया कि वे मिलकर संयुक्त राष्ट्र को नए युग के अनुसार सशक्त बनाने के इस प्रयास में सहयोग करें।