भारत-पाक युद्ध (सोर्स-सोशल मीडिया)
US Think Tank Warning India Pakistan: साल 2025 में हुए चार दिवसीय युद्ध के बाद अब 2026 में भी भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंचने वाला है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान को धूल चटाने के बाद भारत ने सिंधु जल समझौते को रद्द कर पड़ोसी देश की कमर पहले ही तोड़ दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सख्त रुख और “खून और पानी साथ नहीं बह सकता” के बयान ने इस्लामाबाद में हड़कंप मचा दिया है। इसी बीच अमेरिकी थिंक टैंक ‘काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस’ (CFR) ने एक सनसनीखेज रिपोर्ट जारी की है, जिसमें दावा किया गया है कि 2026 में दोनों देशों के बीच फिर से महायुद्ध छिड़ सकता है।
अमेरिकी रिपोर्ट के अनुसार जम्मू क्षेत्र में कड़ाके की ठंड के बावजूद कम से कम 30 पाकिस्तानी आतंकवादी सक्रिय हो चुके हैं। ये आतंकी किसी बड़े हमले की साजिश रच रहे हैं, जिसके कारण भारतीय सेना हाई अलर्ट पर है। यदि आतंकियों ने कोई दुस्साहस किया, तो भारत का जवाब ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ के रूप में पहले से कहीं अधिक घातक होगा।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दशकों पुराने सिंधु जल समझौते को खत्म करने के फैसले ने पाकिस्तान के लिए अस्तित्व का संकट खड़ा कर दिया है। पानी की बूंद-बूंद को तरसते पाकिस्तान ने सीमा पर उकसावे वाली कार्रवाई तेज कर दी है, जिससे युद्ध की मध्यम संभावना प्रबल हो गई है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद को समर्थन देने वाले देश के साथ कोई भी समझौता संभव नहीं है।
बता दें कि मई 2025 में हुए चार दिनों के मिनी-वार में भारतीय स्पेशल फोर्सेस और वायुसेना ने एलओसी के पार आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया था। उस दौरान 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए थे और पाकिस्तान के डीजीएमओ को युद्धविराम की गुहार लगानी पड़ी थी। वह हार पाकिस्तान के लिए एक कड़वा सबक थी, लेकिन वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है।
अमेरिकी विशेषज्ञों का मानना है कि बार-बार होने वाली घुसपैठ और सीमा पर गोलाबारी भारत को एक पूर्ण युद्ध के लिए मजबूर कर सकती है। भारत अब केवल सुरक्षा नहीं बल्कि आक्रामक रक्षा (Offensive Defense) की रणनीति पर काम कर रहा है। 2026 में होने वाला कोई भी टकराव पाकिस्तान के भूगोल को बदलने की क्षमता रखता है क्योंकि भारत अब निर्णायक प्रहार के मूड में है।
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सीएफआर की रिपोर्ट ने दक्षिण एशिया में अशांति की जो चेतावनी दी है, उससे दुनिया भर के देशों की चिंताएं बढ़ गई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत अब कूटनीतिक बातों के बजाय सैन्य कार्रवाई को प्राथमिकता दे रहा है। ऐसे में 2026 का साल न केवल भारत-पाकिस्तान बल्कि पूरे वैश्विक भू-राजनीति के लिए एक टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है।