
भारत-ओमान के बीच ट्रेड डील (सोर्स- सोशल मीडिया)
India Oman Trade Deal: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अक्सर टैरिफ यानी आयात शुल्क को अपना सबसे बड़ा हथियार बताते रहे हैं और उन्होंने इसका इस्तेमाल भारत के खिलाफ भी किया। लेकिन अब भारत ने अपनी व्यापार रणनीति को मजबूत करते हुए ओमान के साथ एक अहम समझौता करने का फैसला किया है। इससे भारत को होने वाला नुकसान काफी हद तक कम हो सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर ओमान गए गए हैं। 17 दिसंबर को उनका ओमान की राजधानी मस्कट में भव्य स्वागत हुआ। इसी क्रम में आज भारत और ओमान के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर होने जा रहे हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक मस्कट में मुलाकात करेंगे। इस समझौते का मकसद दोनों देशों के बीच व्यापार को आसान बनाना और आर्थिक रिश्तों को और मजबूत करना है।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि यह डील भारतीय कारोबारियों के लिए नए मौके लेकर आएगी। उनके अनुसार, जूते, कपड़े, ज्वेलरी, कृषि उत्पाद, वाहन, ऑटो पार्ट्स और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में व्यापार तेजी से बढ़ेगा। उन्होंने ओमान को अफ्रीका और मध्य एशिया के लिए “एंट्री गेट” भी बताया, यानी यहां से भारत को अन्य देशों तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी।
अगर मौजूदा व्यापार की बात करें, तो भारत और ओमान के बीच कुल व्यापार करीब 10.5 अरब डॉलर का है। इसमें भारत का निर्यात लगभग 4 अरब डॉलर और ओमान से आयात 6 अरब डॉलर से ज्यादा है। भारत ओमान से मुख्य रूप से पेट्रोलियम और यूरिया आयात करता है, जो कुल आयात का 70% से अधिक है। वहीं भारत ओमान को खनिज ईंधन, केमिकल, अनाज, जहाज, बिजली से जुड़ी मशीनें, चाय, कॉफी, मसाले, कपड़े और खाद्य पदार्थ निर्यात करता है।
पिछले कुछ सालों में दोनों देशों के आर्थिक रिश्ते लगातार मजबूत हुए हैं। वित्त वर्ष 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार 8.94 अरब डॉलर रहा था, जबकि 2022-23 में यह 12.38 अरब डॉलर तक पहुंच गया था। 2023 में भारत ने ओमान से करीब 4 हजार करोड़ रुपये का कच्चा तेल खरीदा।
ओमान खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के देशों में भारत का तीसरा सबसे बड़ा निर्यात बाजार है। इससे पहले ओमान ने 2006 में अमेरिका के साथ FTA किया था और अब करीब 20 साल बाद भारत के साथ यह बड़ा समझौता किया जा रहा है।
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इसके अलावा, ओमान अकेला खाड़ी देश है जिसके साथ भारत का लॉजिस्टिक एक्सेस एग्रीमेंट है। 2018 में हुए इस समझौते के तहत भारतीय नौसेना और वायुसेना ओमान के रणनीतिक बंदरगाहों और सैन्य ठिकानों का इस्तेमाल कर सकती हैं।






