भारतीय राजनयिक क्षितिज त्यागी (फोटो- सोशल मीडिया)
India-Pakistan Tension: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 60वें सत्र की पाँचवीं बैठक में भारतीय राजनयिक क्षितिज त्यागी ने पाकिस्तान को कड़ी नसीहत दी। उन्होंने इसे दुष्प्रचार और आतंक का आदी एक “विफल राष्ट्र” बताया। त्यागी ने कहा कि पहलगाम हमले पर भारत की संतुलित प्रतिक्रिया ने सब कुछ स्पष्ट कर दिया है और भारत आतंकवाद प्रायोजकों से कोई सबक नहीं लेगा।
क्षितिज त्यागी ने कहा कि भारत अपने नागरिकों की रक्षा के लिए अटूट संकल्पित है और बिना किसी समझौते के अपनी संप्रभुता की रक्षा करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत बार-बार उस विफल राष्ट्र के छल को उजागर करता रहेगा, जिसका अस्तित्व आतंक और त्रासदी के व्यापार पर टिका है। इस दैरान उन्हें स्विट्जरलैंड को भी फटकार लगाते हुए कहा भारत को किसी की सलाह की जरूरत नहीं है।
भारतीय राजनयिक क्षितिज त्यागी ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का हवाला देते हुए कहा, “भारत ने इस हमले का संतुलित और ठोस जवाब देकर साफ कर दिया है कि हम अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। हमारी संप्रभुता से कोई समझौता नहीं होगा, और जो देश आतंकवाद को समर्थन देते हैं, उनके झूठे दावों और प्रोपेगेंडा को हम लगातार बेनकाब करते रहेंगे।”
#WATCH | At the 5th Meeting- 60th Session of Human Rights Council, Indian Diplomat Kshitij Tyagi says, “We would also like to respond to the surprising, shallow and ill-informed remarks made by Switzerland, a close friend and partner. As it holds the UNHRC presidency, it is all… pic.twitter.com/22R1vRJg67
— ANI (@ANI) September 10, 2025
उसी सत्र में क्षितिज त्यागी ने पाकिस्तान के हालिया उकसावे का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के अपने नेता ने देश की तुलना कूड़ा ढोने वाला ट्रक से की। जो अनजाने में ही सही, उस देश के लिए उपयुक्त रूपक है जो बार-बार इस परिषद के सामने झूठ और प्रचार करता रहता है।
त्यागी ने कहा कि पाकिस्तान इस मंच का दुरुपयोग करता है और इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) को अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए इस्तेमाल करता है। उनका कहना था कि पाकिस्तान का भारत के प्रति अड़ियल रवैया उसे अस्तित्वगत मान्यता देता दिखता है।
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यह पहली बार नहीं है जब त्यागी ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को कठोर शब्दों में आंका हो। फरवरी में हुए 58वें सत्र में उन्होंने पाकिस्तान को “विफल देश” करार देते हुए कहा था कि वह अंतर्राष्ट्रीय मदद पर निर्भर है और अपने सैन्य-आतंकवादी तंत्र से झूठ फैलाता रहता है। उन्होंने पाकिस्तान की जम्मू-कश्मीर पर बार-बार की कोशिशों को निराधार और दुर्भावनापूर्ण बताया और ओआईसी के दुष्प्रचार को बढ़ावा देने के लिए भी पाकिस्तान की आलोचना की।