अमेरिका पीछे हटा तो यूरोप ने खोल दिया हथियारों का खजाना, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
नवभारत इंटरनेशनल डेस्क: रूस के साथ चल रहे युद्ध में कमजोर पड़ते यूक्रेन को अब एक नई ताकत मिल रही है। अमेरिका की मदद से हाथ खींच लेने के कारण यूक्रेनी सैनिकों का मनोबल गिरता जा रहा था, लेकिन अब यूरोपीय देशों ने आगे आकर यूक्रेन की खुलकर सहायता करने का निर्णय लिया है। यूरोपीय संघ ने यूक्रेन की सहायता हेतु अरबों डॉलर की अतिरिक्त सहायता राशि भेजने का वादा किया है। इस सहयोग से यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को एक बार फिर नया उत्साह और समर्थन मिला है।
मिल रही जानकारी के अनुसार, ब्रिटेन ने शुक्रवार को घोषणा की कि यूक्रेन को 450 मिलियन पाउंड (580 मिलियन डॉलर) की सैन्य सहायता दी जाएगी। ब्रिटेन के रक्षा मंत्री जॉन हीली ने बताया कि “ब्रिटेन, यूक्रेन के लिए अपने 4.5 बिलियन पाउंड के सैन्य सहायता पैकेज के तहत इस वर्ष 350 मिलियन पाउंड की मदद प्रदान करेगा। इसके अलावा, नॉर्वे भी इस पैकेज में अतिरिक्त योगदान करेगा।”
अमेरिकी दूत ने ऐसे समय में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की है, जब तीन साल से अधिक समय से जारी युद्ध को समाप्त करने को लेकर रूस की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं। यूक्रेन ने अमेरिका द्वारा प्रस्तुत युद्धविराम प्रस्ताव का समर्थन किया है, लेकिन रूस ने कठोर और दूरगामी शर्तें रखते हुए इस प्रक्रिया को बाधित कर दिया है। यूरोपीय देशों ने पुतिन पर पीछे हटने और समाधान में बाधा डालने का आरोप लगाया है।
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इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि रूस को अब युद्ध खत्म करने की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए। उन्होंने इस युद्ध को “भयानक और बेकार” करार दिया।
रूस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी कि अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ ने सेंट पीटर्सबर्ग में राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की। विटकॉफ ने क्रेमलिन पर युद्धविराम स्वीकार करने का दबाव डाला है। इससे पहले, उन्होंने रूस के दूत किरिल दिमित्रिव से भी वार्ता की थी। रूस की समाचार एजेंसी ने बताया कि पुतिन और विटकॉफ के बीच मुलाकात साढ़े चार घंटे तक चली, जिसमें दोनों ने युद्ध समाप्त करने के “पहलुओं” पर विचार-विमर्श किया।