इमैनुएल मैक्रों (फोटो- सोशल मीडिया)
पेरिस: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रूस को यूरोप की स्वतंत्रता के लिए एक गंभीर खतरा बताया है। उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध और साइबर अपराध को यूरोप के सामने प्रमुख चुनौतियाँ करार दिया। मैक्रों ने कहा कि आज की दुनिया में स्वतंत्र बने रहने के लिए डर पैदा करना जरूरी है, और डर तभी पैदा किया जा सकता है जब आप ताकतवर हों।
मैक्रों ने सोमवार को, बैस्टिल डे से एक दिन पहले, फ्रांसीसी सैनिकों को संबोधित करते हुए रूस-यूक्रेन युद्ध पर खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह पहला अवसर है जब न केवल फ्रांस, बल्कि पूरे यूरोप की स्वतंत्रता गंभीर खतरे में है।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों देश की सैन्य शक्ति को मजबूत करने के उद्देश्य से डिफेंस बजट में बड़ी बढ़ोतरी करना चाहते हैं। उनका फोकस सेना की क्षमताओं को बढ़ाने, अत्याधुनिक हथियारों की आपूर्ति सुनिश्चित करने और परमाणु ताकत को और मज़बूत करने पर है। हालांकि, यह प्रस्ताव अभी फ्रांसीसी सरकार और संसद की मंजूरी के इंतजार में है।
साल 2017 में फ्रांस का डिफेंस बजट 32 अरब यूरो (लगभग 2.88 लाख करोड़ रुपए) था, जिसे मैक्रों ने 2027 तक दोगुना कर 64 अरब यूरो (करीब 5.76 लाख करोड़ रुपए) तक ले जाने का लक्ष्य तय किया है। इस प्रस्ताव को लेकर अधिक स्पष्टता तब मिलेगी जब प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरो गुरुवार को अगले वित्तीय वर्ष का बजट पेश करेंगे, जिसमें इसकी आधिकारिक पुष्टि की जा सकती है।
मैक्रों ने रूस-यूक्रेन युद्ध का उल्लेख करते हुए इसकी कड़ी निंदा की। उन्होंने ईरान पर अमेरिका की बमबारी, भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव, और यूक्रेन को लेकर अमेरिका के समर्थन में आने वाले उतार-चढ़ाव का भी उल्लेख किया। इसके साथ ही उन्होंने वैश्विक शक्तियों के बीच परमाणु हथियारों की बढ़ती होड़ पर चिंता जताई।
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वहीं, फ्रांसीसी सेना प्रमुख थिएरी बर्कहार्ड ने कहा कि रूस, फ्रांस को यूरोप में अपनी सबसे बड़ी चुनौती मानता है और यूक्रेन में जारी युद्ध पूरे यूरोप के लिए एक “स्थायी खतरा” बन चुका है, जिसका समाधान तब तक संभव नहीं जब तक इस युद्ध का कोई परिणाम नहीं निकलता। रूस निश्चित रूप से एक बड़ा खतरा है।