फ्रांस के टॉप-सीक्रेट न्यूक्लियर बेस पर एक साथ दिखे कई ड्रोन, (सांकेतिक एआई, फोटो)
France Nuclear Submarine Base: फ्रांस के रक्षा ढांचे में सबसे संवेदनशील माने जाने वाले Île Longue न्यूक्लियर सबमरीन बेस पर गुरुवार रात उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब अचानक कई अवैध ड्रोन इस प्रतिबंधित क्षेत्र के ऊपर मंडराते हुए देखे गए।
यह बेस फ्रांस की चार परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों ले त्रियोम्फां, ले तेमेरेर, ले विजिलां और ले तेरिब्ल का मुख्य गृह अड्डा है। ऐसे में किसी भी अनधिकृत उड़ान को गंभीर सुरक्षा उल्लंघन माना जाता है।
फ्रांसीसी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ड्रोन देर रात ब्रिटनी क्षेत्र के इस रणनीतिक समुद्री अड्डे के ऊपर दिखाई दिए। गश्त कर रहे सैन्य अधिकारियों ने तुरंत अलर्ट जारी किया और ड्रोन की उड़ानों को रोकने की कार्रवाई शुरू कर दी। हालांकि, सेना ने यह नहीं बताया कि ड्रोन को गिराया गया, इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग का इस्तेमाल किया गया या कोई अन्य तकनीकी उपाय अपनाया गया।
फ्रांस की रक्षा मंत्री कैथरीन वॉत्रिन ने कहा कि किसी भी सैन्य स्थल के ऊपर ड्रोन उड़ाना पूरी तरह प्रतिबंधित है। हमारे सैन्य कर्मियों ने तुरंत और प्रभावी कार्रवाई की, जिसकी मैं सराहना करती हूं। अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि इन ड्रोन को किसने उड़ाया और उनका उद्देश्य क्या था। सरकार ने मामले की उच्च स्तरीय जांच का आदेश दे दिया है।
यूरोप में पिछले कुछ महीनों में रहस्यमयी ड्रोन गतिविधियों में तेजी देखी गई है। कई यूरोपीय संघ देशों ने अपने सैन्य ठिकानों और संवेदनशील इलाकों के ऊपर ड्रोन उड़ानों की शिकायत दर्ज कराई है। एस्टोनिया और पोलैंड में भी ड्रोन देखे गए, जिनमें रूस पर हवाई क्षेत्र उल्लंघन के आरोप लगे हैं। कुछ मामलों में तो इन ड्रोनों की वजह से हवाई अड्डे तक बंद करने पड़े, जिससे व्यावसायिक उड़ानें प्रभावित हुईं।
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फ्रांस में घटित ताजा घटना ने यूरोपीय सुरक्षा एजेंसियों की चिंता और बढ़ा दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि परमाणु ठिकानों के ऊपर ड्रोन की मौजूदगी संभावित जासूसी, साइबर युद्ध या मनोवैज्ञानिक दबाव जैसी गंभीर आशंकाओं को जन्म देती है। फ्रांस ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस मामले को हल्के में नहीं लेगा और ड्रोन के स्रोत, उद्देश्य और संभावित विदेशी दखल की जांच तेज की जा रही है।