सूर्य ग्रहण, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
नवभारत डेस्क: साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च को दिखाई देगा, लेकिन यह पूर्ण न होकर आंशिक होगा। इसकी वजह यह है कि चंद्रमा की केंद्रीय छाया पृथ्वी के दक्षिणी हिस्से से होकर गुजरेगी। यह खगोलीय घटना यूरोप और उत्तरी ध्रुव के कुछ क्षेत्रों में चार घंटे तक पूरा अंधेरा फैल जाएगा। एक रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 814 मिलियन लोग इस आंशिक सूर्य ग्रहण का नजारा देख सकेंगे।
साल का पहला सूर्य ग्रहण उत्तरी-पश्चिमी अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र, यूरोप और उत्तरी रूस में देखा जा सकेगा। खासतौर पर यह ग्रहण कनाडा, पुर्तगाल, स्पेन, आयरलैंड, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम, डेनमार्क, जर्मनी, नार्वे, फिनलैंड और रूस में दिखाई देगा। हालांकि, भारत समेत पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, अफगानिस्तान, फिजी, मॉरीशस और संयुक्त अरब अमीरात में यह खगोलीय घटना नहीं देखी जा सकेगी।
जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और सूर्य की रोशनी को आंशिक या पूर्ण रूप से रोक देता है, तो इस घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। यह न केवल वैज्ञानिकों के लिए अध्ययन का एक महत्वपूर्ण विषय है, बल्कि आम लोगों के लिए भी एक रोमांचक खगोलीय दृश्य होता है। सूर्य ग्रहण के चार प्रमुख प्रकार होते हैं, जो विभिन्न परिस्थितियों में बनते हैं और अपने अलग-अलग प्रभावों के कारण विशेष रूप से दिलचस्प माने जाते हैं।
ग्रहण के प्रकार | विभिन्न परिस्थितियों में स्वरूप |
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आंशिक ग्रहण (Partial Eclipse) | जब चंद्रमा सूर्य का केवल एक हिस्सा ढकता है। |
पूर्ण ग्रहण (Total Eclipse) | जब चंद्रमा पूरी तरह से सूर्य को ढक लेता है और सूर्य की बाहरी परत (कोरोना) दिखाई देती है। |
वलयाकार ग्रहण (Annular Eclipse) | जब चंद्रमा सूर्य के बीच में आ जाता है, लेकिन उसका आकार छोटा होने के कारण सूर्य का किनारा चमकती अंगूठी की तरह दिखता है। |
संकर ग्रहण (Hybrid Eclipse) | यह ग्रहण कुछ स्थानों पर पूर्ण ग्रहण तो कुछ स्थानों पर वलयाकार ग्रहण की तरह दिखता है। |
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यह ग्रहण लगभग चार घंटे तक रहेगा। इसकी शुरुआत सुबह 7:50 बजे (पेरिस समयानुसार) होगी, जबकि इसका अधिकतम प्रभाव 11:47 बजे दिखाई देगा। दोपहर 1:43 बजे के करीब यह समाप्त हो जाएगा।
ग्रहण को देखने के लिए मौसम का साफ होना बेहद जरूरी है। इसलिए, ऐसी जगह का चयन करें जहां बादल कम हों। ऊँचाई वाले क्षेत्रों या स्थिर मौसम वाली जगहों से इसे देखना बेहतर रहेगा। साथ ही, आँखों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें। बिना किसी सुरक्षात्मक उपाय के सीधे सूर्य की ओर न देखें। ग्रहण देखने के लिए विशेष सोलर ग्लासेस या टेलीस्कोप का उपयोग करें।