
सीमा कुमारी
नई दिल्ली: हर साल 10 सितंबर को दुनिया भर में ‘वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे’ (World Suicide Prevention Day) यानी कि ‘विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस’ मनाया जाता है। यह दिवस आत्महत्या को रोकने और उसके प्रति जागरूकता फैलाने के लिए मनाए जाते हैं। बीते कुछ सालों से बच्चों में सुसाइड के मामले काफी बढ़ गए है। कई बार दोस्तों और परिवार के लिए भी यह पहचान पाना मुश्किल होता है कि उनके ही किसी अपने के मन में सुसाइड के ख्याल कौंध रहे है।
हर साल 10 सितंबर का दिन वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे के रूप में चुना गया है। जानकारों के अनुसार, अगर आपको लगता है कि आपका कोई परिचित डिप्रेशन में है या उसके मन में सुसाइड जैसे ख्याल आ रहे हैं तो इसे अनदेखा ना करें और उसकी मदद करने की कोशिश करें। आप एक्सपर्ट्स की सलाह ले सकते हैं या फिर सुसाइड प्रिवेंशन हेल्पलाइन पर कॉल कर सकते हैं। अगर आप खुद को ऐसी स्थिति में पाते हैं जब आपके मन में सुसाइडल थोट्स (Suicidal Thoughts) आने लगे हैं तो आप मदद मांगने से कतराएं नहीं। ऐसे कुछ तरीके और भी हैं जो आपके इन ख्यालों को दूर करने में सहायक साबित हो सकते हैं। आइए जानें इस बारे में विस्तार से-
आत्महत्या की वजह से हर साल दुनियाभर में 8 लाख से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा देते हैं। डब्ल्यूएचओ (WHO) के अनुसार, आत्महत्या करने वालों में ज्यादातर 15-29 साल के लोग शामिल हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आत्महत्या करने वालों में ज्यादातर किशोर और युवा उम्र के लोग हैं।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, सकारात्मक होने की कोशिश करें। उन लोगों के साथ रहें जिनके साथ आपको सकारात्मक (Positive) महसूस होता है। खुद को समझाएं कि सुसाइडल थोट्स बस नेगेटिव ख्याल हैं जिन्हें आप दूर कर सकते है। इन ख्यालों को दूर करने की हिम्मत आप में है, खुद को समझाएं कि आप इनसे उभर सकते है।
स्ट्रेस से डील करने की कोशिश करें। अगर हो सके तो मेडिकल एक्सपर्ट की सलाह लें। अपने ट्रीटमेंट शेड्यूल को फॉलो करें। नई हॉबी बनाएं, जिंदगी को नया मकसद दें। अपनी खुशी को प्राथमिकता दें। इसके अलावा, तनाव कम करने के लिए एक्सरसाइज या मेडिटेशन आदि करें।
जानें क्या है इस साल की थीम
World Suicide Prevention Day कार्यक्रम के लिए इस साल “क्रिएटिंग होप थ्रू एक्शन” थीम घोषित की है, जिसमें किसी कार्रवाई के माध्यम से आशा पैदा करना और आत्महत्या के विचार को टालने पर चर्चा होगी। साथ ही समाज में आत्महत्या के प्रभावों पर भी चर्चा होगी। आत्महत्या के समाज और परिवार को क्या प्रभाव होता है और उन्हें किस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस पर भी विचार किया जाएगा।
गौरतलब है कि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization, WHO) ने आत्महत्या को रोकने के लिए गैर सरकारी संगठन और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर World Suicide Prevention Day मनाने की पहल थी और साल 2004 में सबसे पहले World Suicide Prevention Plan की शुरुआत हुई। इसके बाद हर साल 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है।
इस दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य यही है कि लोगों को आत्महत्या करने से रोका जा सके। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य सुसाइड करने वाले लोगों के व्यवहार पर शोध करना, लोगों के अंदर जागरूकता लाना और इसका पूरा डेटा भी जमा करना है।






