डोनाल्ड ट्रंप, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
वांशिगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव को लेकर पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें देश के साथ ‘गद्दारी’ करने का दोषी ठहराया। इस पर ओबामा के प्रवक्ता ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि ये आरोप पूरी तरह निराधार हैं और लोगों का ध्यान भटकाने की एक कमजोर चाल हैं।
सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, जब पत्रकारों ने ट्रंप से जेफरी एपस्टीन से जुड़े मामले में सवाल किया, तो उन्होंने जवाब देने के बजाय ओबामा पर आरोप लगाने शुरू कर दिए। ओवल ऑफिस में मीडिया से बातचीत के दौरान ट्रंप ने कहा, “उन्होंने चुनाव में हस्तक्षेप की कोशिश की थी और वह रंगे हाथों पकड़े गए। ऐसे कृत्य के लिए सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। यह देश से विश्वासघात था।”
डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर डेमोक्रेटिक पार्टी पर निशाना साधा है। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को ‘गिरोह का सरगना’ बताते हुए आरोप लगाया कि डेमोक्रेट्स ने 2016 से 2020 तक चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ियां कीं। ट्रंप के इस दावे में जो बाइडेन और हिलेरी क्लिंटन के भी शामिल होने की बात कही गई है। हालांकि, डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन ओबामा के प्रवक्ता ने ट्रंप के आरोपों को सिरे से खारिज किया है।
ओबामा के प्रवक्ता पैट्रिक रोडनबश ने कहा, “हम आम तौर पर व्हाइट हाउस से बार-बार आने वाले झूठे बयानों पर प्रतिक्रिया नहीं देते, क्योंकि यह राष्ट्रपति पद की गरिमा के खिलाफ है। लेकिन ट्रंप के ताज़ा आरोप इतने बेहूदा और अपमानजनक हैं कि जवाब देना जरूरी हो गया। यह पूरी तरह निराधार बातें हैं और सिर्फ जनता का ध्यान भटकाने की एक कमजोर कोशिश है।”
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जेफरी एपस्टीन, जिनके अमेरिका की राजनीतिक और कारोबारी जगत की प्रमुख हस्तियों से करीबी रिश्ते थे, पर यौन अपराधों के गंभीर आरोप लगे थे। गिरफ्तारी के बाद अगस्त 2019 में जेल में उनकी मौत हो गई, जिसे आधिकारिक तौर पर आत्महत्या बताया गया। 2024 के राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने वादा किया था कि यदि वह सत्ता में लौटते हैं, तो एपस्टीन से जुड़े सभी दस्तावेज सार्वजनिक किए जाएंगे।
हालांकि, जुलाई की शुरुआत में अमेरिकी न्याय विभाग और एफबीआई ने एक साझा बयान जारी कर यह स्पष्ट कर दिया कि कोई ‘क्लाइंट लिस्ट’ जैसी आपत्तिजनक सामग्री मौजूद नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में आगे कोई खुलासा आवश्यक नहीं है। इस बयान के बाद ट्रंप प्रशासन की स्थिति पर सवाल उठने लगे हैं। कई लोगों ने इसे वादाखिलाफी माना है, और कुछ नाराज समर्थकों ने अटॉर्नी जनरल पैम बॉन्डी से इस्तीफे की मांग तक कर डाली है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)