भूकंप, फोटो ( सो. एआई )
नवभारत इंटरनेशनल डेस्क: न्यूजीलैंड के पश्चिमी तट पर एक शक्तिशाली भूकंप आया है जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.2 दर्ज की गई। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक, यह भूकंप सोमवार की रात लगभग 1:00 बजे के बाद महसूस किया गया। इसका केंद्र इन्वरकार्गिल से करीब 300 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में समुद्र तल से लगभग 10 किलोमीटर की गहराई में स्थित था।
हालांकि न्यूजीलैंड में निगरानी एजेंसियों ने इस भूकंप की तीव्रता को मध्यम स्तर का बताया है। फिलहाल इस भूकंप से किसी प्रकार के नुकसान की कोई तत्काल जानकारी नहीं मिली है। लगभग 50 लाख की आबादी वाला न्यूजीलैंड “रिंग ऑफ फायर” नामक क्षेत्र में स्थित है, जो प्रशांत महासागर के चारों ओर फैला हुआ है और जहां भूकंप तथा ज्वालामुखीय गतिविधियां अक्सर देखने को मिलती रहती है।
#earthquake M 6.2 OFF WEST COAST OF SOUTH ISLAND, NEW ZEALAND pic.twitter.com/Upx9V8SbKK
— SSGEOS (@ssgeos) April 29, 2025
अभी हाल ही में 23 अप्रैल को तुर्की के मिडिल ईस्ट क्षेत्र में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (जीएफजेड) ने बताया कि तुर्की में 6.2 तीव्रता का भूकंप आया है। हालांकि, इस भूकंप से किसी भी प्रकार के जानमाल का नुकसान होने की सूचना नहीं मिली थी।
वहीं 19 अप्रैल को अफगानिस्तान और ताजिकिस्तान की सीमा क्षेत्र में 5.9 तीव्रता का भूकंप आया था, इस भूकंप के झटके जम्मू-कश्मीर तक महसूस किए गए थे। भूकंप की गहराई 86 किमी थी। यह झटके भारतीय समयानुसार 12:20 पर महसूस किए गए और कुछ सेकंडों तक जारी रहे। लेकिन इस भूकंप से किसी तरह के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं मिली थी। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज के अनुसार, गहराई अधिक होने के कारण भूकंप के प्रभाव दूर-दूर तक महसूस हुए।
भूकंप आने का मुख्य कारण पृथ्वी की भूगर्भीय प्लेटों का आपस में टकराना, खिसकना या एक-दूसरे के नीचे जाना होता है। धरती की बाहरी सतह सात प्रमुख और कई छोटी टेक्टोनिक प्लेटों से बनी है, जो लगातार गतिमान रहती हैं। जब ये प्लेटें आपस में संपर्क करती हैं, तो इनके किनारे या फॉल्ट लाइनों पर तनाव उत्पन्न होता है। जब यह तनाव जब अत्यधिक बढ़ जाता है, तो चट्टानें टूटकर अपनी ऊर्जा को अचानक मुक्त करती हैं, जिससे भूकंप का आभास होता है। इसके अलावा, ज्वालामुखियों का फटना या उनके अंदर दबाव का बढ़ना भी भूकंप का कारण बन सकता है, जिसे ज्वालामुखीय भूकंप कहते हैं, और यह प्रायः एक छोटे क्षेत्र में महसूस होता है।