डोनाल्ड ट्रंप (फोटो-सोशल मीडिया)
वाशिंगटनः भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर का श्रेय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप स्वयं ले रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ भारत सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति की मध्यस्थता को नाकार रही है, लेकिन पाकिस्तान सीजफायर के लिए ट्रंप का अभार प्रकट कर रहा है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन देने वाले हैं। इस संबोधन में वह ऑपरेशन सिंदूर से लेकर सीजफायर तक पर बोल सकते हैं। लेकिन इससे पहले ट्रप ने फिर से अपनी बात दोहराते हुए सीजफायर का श्रेय ले लिया।
राष्ट्रपति ट्रंप ने सोमवार को एक बड़ा बयान देते हुए दावा किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष विराम उनकी सीधी मध्यस्थता से संभव हो पाया। उन्होंने ने कहा कि शनिवार को मेरी सरकार ने भारत और पाकिस्तान के बीच तत्काल और शायद स्थायी सीजफायर कराने में मदद की। ये दोनों देश परमाणु हथियारों से लैस हैं।
ट्रंप की धमकी: ‘नहीं मानते तो व्यापार रोक देता’
धमकियों के लिए जाने जानें वाले ट्रंप ने एक बार धमकी का इस्तेमाल किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि मैंने उन्हें कहा कि इसे बंद करो, अगर नहीं बंद किया तो हम कोई व्यापार नहीं करेंगे। इसके बाद अचानक दोनों ने कहा कि वे रुक रहे हैं। इस बयान से यह स्पष्ट संकेत मिला कि अमेरिका ने दोनों देशों पर व्यापारिक दबाव का इस्तेमाल किया ताकि सीमा पर गोलीबारी रोकी जा सके।
मोदी से पहले ट्रंप ने किया देश को संबोधित 👇 बोले- मैंने रुकवाया भारत-पाकिस्तान का युद्ध pic.twitter.com/yZRtc2FgXU — Ranvijay Singh (@ranvijaylive) May 12, 2025
भारत ने कहा पाकिस्तान ने सीजफायर के लिए किया फोन
दरअसल, ट्रंप का यह दावा उस समय सामने आया है जब भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। इससे पहले पाकिस्तान ने भारत के सैन्य ठिकानों और नागरिक क्षेत्रों पर मिसाइल और ड्रोन से हमला किया था, जिसका भारत ने करारा जवाब दिया। इस घटनाक्रम पर भारत की विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने विशेष संसद सत्र बुलाने की मांग की है। कांग्रेस का कहना है कि जनता को यह बताया जाना चाहिए कि अमेरिका जैसी बाहरी शक्तियों की भारत-पाक संबंधों में क्या भूमिका रही है।