असीम मुनीर (फोटो-सोशल मीडिया)
इस्लामाबाद: भारत के हमलों के दौरान पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर को बंकर में छिपना पड़ा। 10 मई को रावलपिंडी के नूर खान एयर बेस पर भारत ने हवाई हमले किए थे। इस दौरान जनरल मुनीर को दो से तीन घंटे तक बंकर में छिपे रहना पड़ा। सीजफायर होने के बाद अब उन्हें एक सुरक्षित घर में ले जाया गया है। भारत और पाकिस्तान में सीजफायर होने के बाद भी मुनीर बाहर नहीं आ रहे हैं।
भारत और पाकिस्तान में चार दिन (6 से 10 मई) तक जबरदस्त सैन्य संघर्ष देखने को मिला। भारत की ओर से आतंकी ठिकानो पर हमलों के बाद पाकिस्तान ने भारत में ड्रोन का झुंड भेजा था। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के ड्रोन हमलों का जवाब देते हुए उसके कई एयरबेस पर हवाई हमले किए थे। इनमें सबसे महत्वपूर्ण रावलपिंडी का नूर खान एयरबेस पर हमला था। इसी बेस पर हमले ने मुनीर को डरा दिया था।
पाकिस्तान के लिए खास है नूर खान बेस
नूर खान एयरबेस पाकिस्तान के रावलपिंडी में स्थित है। इसे पाकिस्तान के सबसे मजबूत सैन्य ठिकानों में से एक माना जाता है। यहां पर न सिर्फ पाकिस्तान के सबसे शक्तिशाली हवाई उपकरण तैनात हैं, बल्कि उनकी सुरक्षा के लिए चीनी एयर डिफेंस सिस्टमों का जाल भी बिछाया गया है। पाकिस्तान के अधिकतर वीआईपी यहीं से उड़ान भरते हैं। यहां पाकिस्तानी वायुसेना के एयर मोबिलिटी कमांड का मुख्यालय भी है। ऐसे में जब भारत का हमला हुआ तो असीम मुनीर यहां फंस गए और बंकर में छुपकर जान बचानी पड़ी। भारत के हमले के बाद जो सैटेलाइट तस्वीरें आई हैं, उनमें देखा जा सकता है कि कि हमले में पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस को काफी ज्यादा नुकसान हुआ है।
नूर खान बेस पर गिरा था ब्रह्मोस
पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस के महानिदेशक ने आधिकारिक तौर पर पीएएफ बेस नूर खान पर भारतीय हमले को स्वीकार किया। भारत ने नूर खान एयरबेस पर रडार प्रतिष्ठानों और विमान हैंगर सहित प्रमुख परिचालन बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने के लिए आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया। भारत ने 10 मई को नूर खान एयरबेस के साथ साथ चकवाल में मुरीद और शोरकोट में रफीकी एयरबेस पर हमला करने के लिए ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल किया था। पाकिस्तान इस मिसाइल को ट्रैक नहीं कर पाया, इसीलिए ये एयरबेस हमले के बाद काम भी नहीं कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक नूर खान से ही पाक सेना टोही मिशन चलाती थी।