डोनाल्ड ट्रंप, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Trump on India Russia oil: डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय विदेश मंत्रालय के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें भारत की रूस से तेल खरीद को लेकर अमेरिका और यूरोप की आलोचना को दोहरा मापदंड बताया गया था। विदेश मंत्रालय ने कहा था कि अमेरिका खुद रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, पैलेडियम, उर्वरक और रसायनों का आयात कर रहा है, ऐसे में भारत को निशाना बनाना उचित नहीं। इस पर ट्रंप ने कहा, “मुझे इस बारे में कुछ जानकारी नहीं है, मैं इस मामले की जांच करूंगा।”
मंत्रालय ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि यूक्रेन युद्ध के बाद अमेरिका और यूरोपीय संघ ने भारत से रूस से तेल आयात पर सवाल उठाए थे, जबकि उसी समय अमेरिका ने भारत को यह खरीद जारी रखने की सलाह दी थी ताकि वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति संतुलित बनी रहे।
Journalist: India says the U.S. buys Russian uranium and fertilizers while criticising India for buying Russian energy. Your response? Trump: I don’t know anything about that. pic.twitter.com/RsYLrzREDP — Shashank Mattoo (@MattooShashank) August 5, 2025
विदेश मंत्रालय ने अमेरिका को स्पष्ट किया था कि वह स्वयं रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड (परमाणु उद्योग के लिए), पैलेडियम (इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग हेतु), साथ ही उर्वरक और रसायनों का आयात जारी रख रहा है। ऐसे में भारत को ही टारगेट करना न केवल गलत है, बल्कि व्यावहारिक भी नहीं। भारत किसी भी अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्था की तरह अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर जरूरी कार्रवाई करेगा।
भारत ने यूरोप को जवाब देते हुए बताया कि 2024 में यूरोप और रूस के बीच वस्तुओं का द्विपक्षीय व्यापार 67.5 अरब यूरो था। इसके अतिरिक्त, 2023 में दोनों देशों के बीच सेवाओं का व्यापार लगभग 17.2 अरब यूरो के आस पास हुआ था। यह राशि उस वर्ष या उसके बाद भारत और रूस के कुल व्यापार से कहीं अधिक है।
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विदेश मंत्रालय के अनुसार, 2024 में यूरोप ने रूस से 16.5 मिलियन टन तरल प्राकृतिक गैस (LNG) का आयात किया, जो 2022 के पिछले रिकॉर्ड 15.21 मिलियन टन से भी अधिक है। इसके अलावा, यूरोप और रूस के बीच व्यापार में केवल ऊर्जा ही नहीं, बल्कि उर्वरक, खनिज उत्पाद, रसायन, लोहा और इस्पात, तथा मशीनरी व परिवहन उपकरण भी शामिल हैं। इसलिए, यूरोप को भी अपने कार्यों पर विचार करने की आवश्यकता है।