ट्रंप ने ईरान को दिया ऑफर, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
वांशिगटन: अमेरिका ने 22 जून को ईरान पर बंकर बस्टर बमों से हमला किया, जिसके बाद पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे सेना की बड़ी सफलता बताया। हालांकि, इस हमले के कुछ ही दिनों बाद अमेरिका अब तेहरान के साथ संवाद बहाल करने की कोशिश कर रहा है। ट्रंप प्रशासन ईरान के नागरिक परमाणु कार्यक्रम के लिए 30 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता देने पर विचार कर रहा है। साथ ही, ईरान पर लगे प्रतिबंधों में छूट देकर उसकी जमा अरबों डॉलर की निधियों को भी मुक्त करने की योजना है।
यह कदम अमेरिका द्वारा ईरान को परमाणु वार्ता में वापस लाने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। इससे पहले, 13 जून को इजरायल द्वारा ईरान पर किए गए हमलों के कारण दोनों देशों के बीच परमाणु वार्ता प्रक्रिया ठप पड़ गई थी।
ट्रंप सरकार ईरान को 30 अरब डॉलर तक की आर्थिक सहायता देने के प्रस्ताव पर चर्चा कर रही है, ताकि उसे अपना नागरिक परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम विकसित करने में मदद मिल सके। यह कदम ईरान को यूरेनियम संवर्धन से दूर रखने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है। इस समझौते के तहत, तेहरान को अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में सहयोग मिलेगा।
ट्रंप सरकार के एक अधिकारी ने एक मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि अमेरिका ईरान को 20 से 30 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता देने का प्रस्ताव कर सकता है। इस सहायता की शर्त यह होगी कि ईरान यूरेनियम संवर्धन की प्रक्रिया को पूरी तरह बंद कर दे। यह प्रस्ताव एक ऐसा समाधान तलाशने का प्रयास है जो ईरान की घरेलू ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करते हुए उसे परमाणु हथियार बनाने से रोके।
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सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका और मध्य पूर्व के वरिष्ठ अधिकारी ईरान के साथ ठप पड़ी परमाणु वार्ता को फिर से शुरू करने के लिए तेहरान से संपर्क कर रहे हैं। इस बीच, डोनाल्ड ट्रंप के मध्य पूर्व विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने ईरान के साथ एक व्यापक शांति समझौते की संभावना व्यक्त की है। हालांकि ईरान ने अभी तक अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता को फिर से शुरू करने का कोई संकेत नहीं दिया है। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने तेहरान द्वारा वार्ता को वापस शुरू करने की चर्चाओं को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि ऐसी अफवाहों को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए।