
अहमद अल-शरा
दमिश्क: सीरिया में संविधान बनने और चुनाव होने को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है। बशर अल-असद के सत्ता से बाहर होने के बाद देश के भविष्य को लेकर अटकलें लगने शुरू हो गए हैं। इस पर हयात तहरीर अल-शाम के लीडर ने बात की है।
अटकलों के बीच हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के प्रमुख अहमद अल-शरा ने नया संविधान बनाने और चुनाव कराने पर बात की है। अल-शरा को अबू मोहम्मद अल जुलानी के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने अल-अरबिया टीवी से कहा कि सीरिया के लोगों को कोई बड़ा बदलाव देखने में एक साल लग सकता है।
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अल-शरा ने कहा कि देश में नया संविधान बनाने में तीन साल और चुनाव कराने में चार साल का समय लग सकता है।उन्होंने हाल ही में एक ग्लोबल चैनल से कहा कि उनका देश जंग से थक गया है। सीरिया अब किसी पड़ोसी या पश्चिम के देशों के लिए कोई खतरा नहीं है।
अमेरिका ने रखा इनाम
अल-शरा इस्लामी चरमपंथी संगठन अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट (IS) से पहले जुड़े हुए थे। अमेरिका ने उन पर एक करोड़ अमेरिकी डॉलर का इनाम तक रखा था। हालांकि हाल ही में यह इनाम अब हटा लिया गया है।
बशर अल-असद का आया था बयान
बता दें कि सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति बशर अल असद ने देश छोड़ने के बाद बयान जारी किया था जिसमें कहा था कि मेरे द्वारा सीरिया छोड़ने को लेकर कोई योजना नहीं बनाई गई थी और न ही ये लड़ाई के अंतिम घंटों के दौरान हुआ, जैसा कि कुछ लोगों ने दावा किया है। इसके विपरीत, मैं दमिश्क में ही था और रविवार 8 दिसंबर 2024 की सुबह अपनी ड्यूटी कर रहा था। जैसे ही आतंकवादी बलों ने दमिश्क में घुसपैठ की। मैं लताकिया चला गया ताकि मैं वहां से रूसी सहयोगियों के साथ युद्ध अभियान को देख सकूं।






