ताइवान के सैन्य अभ्यास से भड़का ड्रैगन, फोटो (सो.सोशल मीडिया)
ताइपे: ताइवान की सेना ने अपना वार्षिक ‘हान कुआंग’ सैन्य अभ्यास आरंभ कर दिया है, जिसमें सैनिक अपनी सैन्य ताकत और साहस का शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। इस कदम से ताइवान का पड़ोसी और पुराना विरोधी चीन नाराज़ हो गया है। ताइवान की इस गतिविधि पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन की शी जिनपिंग सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। इसके तहत चीन ने ताइवान की सेना से जुड़ी आठ कंपनियों के निर्यात पर पाबंदी लगा दी है।
यह सैन्य अभ्यास कोई नई बात नहीं है, ताइवान हर साल इसका आयोजन करता है। इस बार भी ताइवान ने अपने वार्षिक ‘हान कुआंग’ सैन्य अभ्यास की शुरुआत की है, जिसका मकसद चीन के संभावित हमले से निपटने की तैयारी करना है। लेकिन ताइवान की यह तैयारी चीन को रास नहीं आई। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने प्रतिबंधों का ऐलान करते हुए कहा कि यह कदम राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं के चलते उठाया गया है।
चीन ने ताइवान की आठ प्रमुख कंपनियों को अपनी प्रतिबंध सूची में शामिल कर लिया है। ये कंपनियां मुख्य रूप से एयरोस्पेस और शिपबिल्डिंग (जहाज निर्माण) क्षेत्रों में कार्यरत हैं। चीनी मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि अब इन कंपनियों को ऐसे “डुअल-यूज़ आइटम्स” यानी वे सामग्री या तकनीक जो नागरिक और सैन्य दोनों उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल की जा सकती हैं उसके निर्यात की अनुमति नहीं होगी। यह आदेश तुरंत प्रभाव में लाया गया है।
ताइवान के रिजर्व सैनिक वार्षिक हान कुआंग सैन्य अभ्यास के दौरान
यह घटनाक्रम ऐसे समय पर सामने आया है जब ताइवान ने अपना वार्षिक सैन्य अभ्यास शुरू किया है, जिसे अब तक का सबसे व्यापक और दीर्घकालिक अभ्यास माना जा रहा है। करीब 10 दिनों तक चलने वाले इस हान कुआंग अभ्यास में ताइवानी सेना संभावित चीनी हमले के मद्देनजर विभिन्न स्थितियों का अभ्यास करते हुए अपनी सैन्य तैयारियों की समीक्षा कर रही है।
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह सैन्य अभ्यास मुख्य रूप से चीनी तटरक्षक और समुद्री मिलीशिया की उन गतिविधियों की प्रतिक्रिया में शुरू किया गया है, जो ताइवान के समुद्री इलाकों में तनाव और अस्थिरता को बढ़ावा दे रही हैं। मंत्रालय ने जानकारी दी कि हाल के दिनों में चीनी जहाजों ने ताइवान के निकटवर्ती अपतटीय द्वीपों के पास अनधिकृत रूप से प्रवेश किया, जिससे समुद्री परिवहन मार्गों की सुरक्षा पर खतरा मंडराने लगा है।
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सरकार ने नागरिकों से आग्रह किया है कि वे संयम बनाए रखें और यदि अभ्यास के कारण उड़ानों या यातायात में कोई असुविधा हो, तो धैर्यपूर्वक स्थिति का सामना करें। इसके साथ ही, लोगों को अफवाहों और भ्रामक जानकारियों पर ध्यान न दें।
चीन लंबे समय से ताइवान को अपने क्षेत्र का अभिन्न हिस्सा मानता आया है और कई बार उसे बलपूर्वक अपने अधीन करने की चेतावनी भी दे चुका है। दूसरी ओर, ताइवान स्वयं को एक स्वतंत्र और लोकतांत्रिक राष्ट्र मानता है, जिसकी अपनी चुनी हुई सरकार और प्रशासनिक ढांचा है। विश्लेषकों का मानना है कि चीन का यह कदम ताइवान पर राजनीतिक दबाव बढ़ाने और उसकी सैन्य तैयारियों को कमजोर करने की रणनीति का हिस्सा है। हालांकि, ताइवान की सरकार ने दोटूक कहा है कि वह किसी भी तरह की धमकी या दबाव में अपने राष्ट्रीय सुरक्षा हितों से पीछे नहीं हटेगी।