जे-35 फाइटर जेट, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
बीजिंग: भारत के साथ बढ़ते तनाव के दौरान पाकिस्तान ने चीन से मिले मिसाइल और हथियारों का इस्तेमाल किया था, लेकिन भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने उन सभी खतरों को हवा में ही नष्ट कर दिया। इससे यह स्पष्ट हो गया कि पाकिस्तान और चीन के हथियार भारतीय डिफेंस टेक्नोलॉजी के सामने टिक नहीं पाए।
अब एक बार फिर पाकिस्तान चीन से लड़ाकू विमान खरीदने की तैयारी में है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीजिंग पाकिस्तान को 30 J-35A स्टेल्थ फाइटर जेट फास्ट ट्रैक डिलीवरी के तहत देने जा रहा है और वह भी आधी कीमत पर। इस डील को लेकर चीन के सोशल मीडिया पर पाकिस्तान को लेकर तंज भी कसे जा रहे हैं, जहां लोग मजाक उड़ा रहे हैं कि चीन ने ये विमान “सेल” में दे दिए।
रिपोर्ट के अनुसार, इन फाइटर जेट्स की डिलीवरी अगस्त 2025 से शुरू होने की संभावना है। हालांकि, इस निर्णय ने कई चीनी नागरिकों को चौंका दिया है और कुछ को गुस्से में भी डाल दिया है। J-35A फाइटर जेट, जिसे FC-31 के नाम से भी जाना जाता है, को अभी तक चीन की वायु सेना ने आधिकारिक रूप से शामिल नहीं किया है।
यूक्रेन के बाद अब कौन? यूरोप के इस देश पर मंडराया रूसी हमले का खतरा, सुरंगें-बंकर बनने शुरू
चीन के यिंगयांग मेडिकल स्कूल से जुड़े एक यूजर ने पोस्ट कर कहा कि पाकिस्तान ने कई झूठी खबरें फैलाई हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि जब पाकिस्तान अभी तक J-1 फाइटर जेट का भुगतान भी नहीं कर पाया है, तो वह नया लड़ाकू विमान कैसे खरीद सकता है? यह टिप्पणी पाकिस्तान द्वारा चीन से खरीदे गए J-10C फाइटर जेट्स की बकाया रकम अब तक न चुकाने के संदर्भ में की गई है।
चीनी नागरिकों के बीच यह बहस छिड़ गई है कि क्या सरकार का एक सैन्य ग्राहक देश को सीमित सब्सिडी देना उचित है, या फिर वही पैसा देश में खुद निर्माण कार्य पर लगाना ज्यादा फायदेमंद होगा। इसी संदर्भ में यह भी सवाल उठ रहा है कि क्या चीन वास्तव में एक ऐसा फाइटर जेट बेच रहा है जो अभी पूरी तरह विकसित नहीं हुआ है यानी सिर्फ एक कॉन्सेप्ट स्तर पर है। वहीं, J-35 फाइटर जेट को खास तौर पर अमेरिका के F-35 को टक्कर देने के मकसद से डिजाइन किया गया है।