चीन ने ट्रंप की नाइजीरिया में सैन्य कार्रवाई की धमकी का विरोध किया (सोर्स- सोशल मीडिया)
China Warns Trump on Nigeria: चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नाइजीरिया के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की धमकी पर कड़ा विरोध जताया है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि बीजिंग नाइजीरियाई सरकार के प्रयासों का समर्थन करता है, जो अपने नागरिकों को देश की वास्तविक परिस्थितियों के अनुरूप विकास के मार्ग पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि चीन किसी भी देश द्वारा धर्म या मानवाधिकार के नाम पर अन्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का विरोध करता है।
इससे पहले, राष्ट्रपति ट्रंप ने नाइजीरियाई सरकार पर देश में रहने वाले ईसाइयों के धार्मिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था। ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि अगर नाइजीरिया सरकार इस तरह की हत्या और उत्पीड़न रोकने में असफल रही, तो अमेरिका तुरंत सभी सहायता और सहयोग बंद कर देगा और इस्लामी आतंकवादियों को खत्म करने के लिए सैन्य कार्रवाई कर सकता है। इस धमकी पर प्रतिक्रिया देते हुए, माओ निंग ने कहा कि नाइजीरिया के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिकी दावे वास्तविकता से मेल नहीं खाते।
नाइजीरिया की सरकार ने भी बयान जारी कर कहा कि वह आतंकवाद से लड़ने, अंतरधार्मिक सद्भाव बढ़ाने और सभी नागरिकों के जीवन और अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। माओ निंग ने जोर देकर कहा कि चीन, एक व्यापक रणनीतिक साझेदार के रूप में, नाइजीरिया के प्रयासों का दृढ़ समर्थन करता है और किसी भी देश द्वारा बल प्रयोग या मनमाने प्रतिबंधों की धमकियों का विरोध करता है।
साथ ही, वेनेजुएला के चीन से मिसाइल और ड्रोन खरीदने की खबरों पर माओ निंग ने कहा कि चीन ड्रग कार्टेल के नाम पर बल प्रयोग का विरोध करता है। उन्होंने यह भी कहा कि चीन अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देता है ताकि सीमा-पार अपराधों से निपटा जा सके, लेकिन अमेरिका जैसी शक्तियों द्वारा डराने-धमकाने वाली कार्रवाइयों का विरोध करता है। माओ ने स्पष्ट किया कि चीन अन्य देशों के जहाजों के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई का समर्थन नहीं करता और उम्मीद करता है कि अमेरिका द्विपक्षीय और बहुपक्षीय कानूनी ढांचे के भीतर ही कार्रवाई करेगा।
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हालांकि, माओ ने वेनेजुएला को सैन्य उपकरण देने के बारे में कोई सीधे जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि चीन और वेनेजुएला के बीच सहयोग दो संप्रभु देशों के बीच सामान्य आदान-प्रदान के रूप में होता है, जिसमें किसी तीसरे पक्ष को निशाना नहीं बनाया जाता और न ही इसका किसी पर कोई प्रभाव पड़ता है।