नरेंद्र मोदी, डोनाल्ड ट्रंप और शी जिनपिंग, (डिजाइन फोटो/AI)
China And India Relation: चीन ने अमेरिका पर आरोप लगाया है कि वह चीन और भारत के बीच बढ़ते अच्छे संबंधों को रोकने की कोशिश कर रहा है। यह बयान चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि भारत के साथ सीमा विवाद सिर्फ दोनों देशों का मामला है, किसी भी अन्य देश को इसमें दखल देने का अधिकार नहीं है। लिन जियान ने यह भी स्पष्ट किया कि चीन भारत के साथ अपने संबंधों को रणनीतिक और लंबे समय के दृष्टिकोण से देखता है।
हाल ही में अमेरिकी रक्षा विभाग की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि चीन सीमा पर बने तनाव का फायदा उठाकर भारत के साथ अपने संबंधों को स्थिर करना चाहता है और अमेरिका-भारत संबंधों को मजबूत होने से रोकने की कोशिश कर रहा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि चीन ने भारत के साथ दोहरा रवैया अपनाया है।
पेंटागन की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले पांच सालों में पाकिस्तान को 36 J-10C लड़ाकू विमान और चार फ्रिगेट जहाज दिए। इसके अलावा दोनों देश मिलकर JF-17 फाइटर जेट बना रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कि भारत-चीन के बीच भरोसे की कमी बनी हुई है। इन दोनों देशों के बीच अरुणाचल प्रदेश एक बड़े मुद्दा के रूप में बना हुआ है। चीन और भारत के संबंध 2020 में हुए सैन्य तनाव के बाद खटास भरे रहे। इसके बाद दोनों देशों ने कई दौर की सैन्य और कूटनीतिक बैठकें कीं।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इसका उद्देश्य सीमा पर शांति बनाए रखना और तनाव कम करना था। 2025 में BRICS सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक हुई। इस बैठक से संकेत मिला कि दोनों देश अब प्रतिस्पर्धा से ज्यादा साझेदारी की ओर बढ़ रहे हैं। आपसी मतभेद उनके संबंधों पर असर नहीं डालेंगे।
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चीन के कूटनीतिक इशारों के बावजूद भारत अब भी सतर्क है। भारत चीन के हाल के कदमों का मूल्यांकन कर रहा है और हर कदम पर ध्यान रख रहा है। सीमा विवाद पर नियंत्रण बनाए रखना और लंबे समय तक स्थिर संबंध बनाना दोनों देशों का मुख्य उद्देश्य है। हाल के दिनों में नई दिल्ली और बीजिंग के रिश्तों में काफी सुधार के संकेत मिले हैं।