हिंसा की आग दहला में बांग्लादेश, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
ढाका: बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के गृह ज़िले गोपालगंज में शुक्रवार को हिंसा के बाद सुरक्षा बलों ने कार्रवाई तेज कर दी है। अब तक 160 से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है और कर्फ्यू की अवधि भी बढ़ा दी गई है। इस बीच बुधवार को हुई हिंसक झड़पों में मरने वालों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है। पुलिस ने जानकारी दी है कि अब तक 164 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि कई अन्य की तलाश अभी जारी है।
ढाका से करीब 160 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित गोपालगंज में हुई हिंसा के आरोपियों की तलाश में नौसेना और तटरक्षक बल के जवान नदियों और नहरों में सघन गश्त कर रहे हैं। यह हिंसा नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) की रैली के दौरान हुई झड़प में भड़की थी, जिसमें चार लोगों की जान चली गई थी।
रैली का माहौल युद्ध जैसे हालात में तब्दील हो गया, जब छात्रों द्वारा आयोजित मार्च से पहले बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और शेख मुजीबुर रहमान की बेटी, शेख हसीना के सैकड़ों समर्थकों की पुलिस से तीखी झड़प हो गई। एक स्थानीय अखबार के संपादक ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि गोली लगने से गंभीर रूप से घायल रमजान मुंसी को स्थानीय अस्पताल से ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया गया था, जहां शुक्रवार को उसकी मौत हो गई।
बांग्लादेश में बुधवार को हुई झड़पों को लेकर पुलिस ने बताया कि जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनके साथ ही कुछ अज्ञात व्यक्तियों पर एक पुलिस वाहन में आग लगाने और कई पुलिसकर्मियों पर हमला करने का आरोप है। वहीं, सेना ने अपने बयान में कहा कि गोपालगंज में एक ‘बेकाबू भीड़’ द्वारा हमला किए जाने के बाद आत्मरक्षा में बल प्रयोग करना पड़ा।
ISPR के अनुसार, गोपालगंज सदर में एक राजनीतिक दल द्वारा चलाए जा रहे महीने भर के कार्यक्रम के तहत आयोजित एक जनसभा के दौरान हिंसा भड़क गई। हिंसा की शुरुआत में कई पुलिसकर्मी और पत्रकार घायल हो गए, जबकि सरकारी वाहन और सार्वजनिक संपत्तियों में तोड़फोड़ कर उन्हें आग के हवाले कर दिया गया।
यह भी पढे़ें:- भूकंप से दहला अफगानिस्तान, उत्तराखंड में भी महसूस हुए झटके; मची अफरा-तफरी
जैसे ही हालात बिगड़े, सेना और स्थानीय पुलिस ने तत्काल हस्तक्षेप कर स्थिति पर काबू पाया। पुलिस ने बताया कि पहले 22 घंटे के लिए लगाया गया कर्फ्यू अब शनिवार सुबह 6 बजे तक बढ़ा दिया गया है। इलाके के लोगों ने फोन पर बताया कि पूरे जिले में सेना, दंगा नियंत्रण पुलिस, बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) और कोस्ट गार्ड की अतिरिक्त तैनाती के चलते लोगों में भय और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)