ढाका में 12 मंजिला इमारत बनी आग का गोला, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Bangladesh Fire Incident: बांग्लादेश की राजधानी ढाका में शनिवार तड़के एक बड़े अग्निकांड ने शहर में अफरातफरी का माहौल पैदा कर दिया। राजधानी के एक व्यस्त बाजार इलाके में स्थित 12 मंजिला मिश्रित उपयोग वाली इमारत जबल-ए-नूर टावर के ग्राउंड फ्लोर पर सुबह भीषण आग लग गई। आग की लपटें तेजी से फैलने के कारण पूरे बाजार क्षेत्र में हड़कंप मच गया और लोग जान बचाकर इधर-उधर भागते नजर आए।
अधिकारियों के अनुसार, इस हादसे में अब तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। राज्य संचालित बीएसएस न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, फायर सर्विस और सिविल डिफेंस की टीमों ने इमारत से कम से कम 42 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। यह घटना पिछले दो महीनों के भीतर ढाका में किसी बहुमंजिला इमारत में आग लगने की दूसरी बड़ी घटना बताई जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फायर सर्विस एंड सिविल डिफेंस को सुबह 5:37 बजे (स्थानीय समय) आग की सूचना मिली, जिसके बाद दमकल की गाड़ियां लगभग 5:45 बजे मौके पर पहुंच गईं। फायर सर्विस के मीडिया अधिकारी अनवारुल इस्लाम ने बताया कि आग पर काबू पाने के लिए कुल 18 दमकल इकाइयों को तैनात किया गया। कई घंटों की मशक्कत के बाद आग को नियंत्रित किया जा सका।
घटना के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने और राहत कार्य में बाधा न आए, इसके लिए बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के जवानों को भी मौके पर तैनात किया गया। बीजीबी के जनसंपर्क अधिकारी शरिफुल इस्लाम ने बताया कि जवानों ने भीड़ नियंत्रण और आपातकालीन सेवाओं की आवाजाही सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाई।
फायर सर्विस के सीनियर स्टाफ ऑफिसर (मीडिया सेल) मोहम्मद शाहजहां शिकदर के अनुसार, आग लगी इमारत कई ब्लॉकों में विभाजित है, जो एक ही बेसमेंट साझा करती है। इमारत के ग्राउंड और पहली मंजिल पर गारमेंट उत्पादों की दुकानें और छोटे स्क्रैप गोदाम स्थित हैं, जबकि ऊपरी मंजिलों पर रिहायशी अपार्टमेंट बने हुए हैं। बेसमेंट में केवल दो ही प्रवेश द्वार होने के कारण बचाव कार्य में चुनौतियां सामने आईं।
आग बुझाने के दौरान दमकलकर्मियों को कई दुकानों के ताले और शटर काटने पड़े, जिससे ऑपरेशन में देरी हुई। आग लगने के कारणों का फिलहाल पता नहीं चल सका है। हालांकि, स्थानीय लोगों और कारोबारियों का कहना है कि बेसमेंट में जमा स्क्रैप कपड़ों के कारण आग तेजी से फैली, लेकिन अधिकारियों ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
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गौरतलब है कि बांग्लादेश में औद्योगिक हादसों और अग्निकांडों का लंबा इतिहास रहा है। बीते वर्षों में कई बड़ी आग की घटनाओं में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है, जिनका कारण अक्सर सुरक्षा मानकों में लापरवाही को बताया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस घटना ने एक बार फिर ढाका में अग्नि सुरक्षा और भवन मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।