बलूचिस्तान के केच जिले में पाकिस्तानी सेना द्वारा एक ही परिवार के चार लोगों के अपहरण के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन (सोर्स-सोशल मीडिया)
BYC Women Safety Campaign: बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन और जबरन गुमशुदगी (Enforced Disappearances) के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा घटना केच जिले की है, जहां एक ही परिवार के चार सदस्यों को पाकिस्तानी एजेंसियों द्वारा कथित तौर पर अगवा कर लिया गया है।
इस क्रूरता के विरोध में स्थानीय बलूच परिवारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर भारी प्रदर्शन शुरू कर दिया है। अत्याचार की यह लहर अब बलूच महिलाओं की सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रही है, जिससे क्षेत्र में तनाव चरम पर है।
मानवाधिकार संस्था बलूच यकजेहती कमेटी (BYC) के अनुसार, अगवा किए गए लोगों में दो महिलाएं और दो पुरुष शामिल हैं। इनकी पहचान फरीद एजाज, मुजाहिद दिलवाश, हनी दिलवाश और हैर-निसा वाहिद के रूप में हुई है।
पीड़ित परिवारों का आरोप है कि पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसियां बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के लोगों को उठा रही हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक उनके प्रियजन सुरक्षित वापस नहीं लौटते, वे तेजाबान और आसपास के इलाकों में अपना धरना समाप्त नहीं करेंगे।
बलूचिस्तान में महिलाओं को निशाना बनाए जाने की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए बीवाईसी ने एक 5 दिवसीय विशेष अभियान की घोषणा की है। इस अभियान का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता बढ़ाना और पाकिस्तानी सुरक्षा बलों की जवाबदेही तय करना है।
बीवाईसी ने सोशल मीडिया (X) पर कहा कि उनका विरोध पूरी तरह शांतिपूर्ण है, लेकिन प्रशासन उनकी आवाज सुनने के बजाय उन्हें डराने-धमकाने का प्रयास कर रहा है।
बलूच महिला मंच (BWF) ने पाकिस्तान की इस रणनीति की कड़ी निंदा की है। फोरम का कहना है कि पाकिस्तान जानबूझकर बलूच महिलाओं का अपहरण कर सामाजिक भावनाओं को ठेस पहुंचने की कोशिश कर रहा है।
बीआईडब्ल्यूएफ ने संयुक्त राष्ट्र (UN) और अन्य अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से तत्काल हस्तक्षेप करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि बलूच महिलाओं के खिलाफ हो रहे इन अपराधों को अब ‘सामान्य’ नहीं माना जा सकता और दोषियों को अंतरराष्ट्रीय कानून के दायरे में लाना अनिवार्य है।
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पिछले कुछ महीनों में बलूचिस्तान के विभिन्न हिस्सों से जबरन गुमशुदगी की रिपोर्टों में भारी बढ़ोतरी हुई है। स्थानीय लोगों का मानना है कि पाक सेना बलूच प्रतिरोध को कुचलने के लिए अब परिवारों और विशेषकर महिलाओं को ढाल बना रही है।
केच जिले में जारी यह विरोध प्रदर्शन अब एक बड़े आंदोलन का रूप ले रहा है, जिसमें युवाओं और महिलाओं की भागीदारी सबसे अधिक देखी जा रही है।