
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने PTI समर्थकों पर वॉटर कैनन के इस्तेमाल और इमरान खान को एकांत जेल में रखने की कड़ी निंदा की (सोर्स- सोशल मीडिया)
Force Against PTI Supporters: पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सुरक्षा और उनके समर्थकों के खिलाफ सरकारी कार्रवाई पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ता जा रहा है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अदियाला जेल के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग को मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन करार दिया है। संगठन ने पाकिस्तान सरकार से मांग की है कि वह शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार का सम्मान करे और दंडात्मक कार्रवाई तुरंत बंद करे। इसके साथ ही इमरान खान की हिरासत की स्थितियों को लेकर भी अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने गंभीर चिंताएं जताई हैं।
रावलपिंडी की अदियाला जेल के बाहर पिछले कुछ दिनों से PTI समर्थक अपने नेता इमरान खान से मुलाकात की मांग को लेकर धरना दे रहे थे। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि मंगलवार रात भीषण ठंड के बीच इन शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हाई-प्रेशर वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया गया।
प्रदर्शनकारियों का दावा है कि उस पानी में रसायनों का मिश्रण था जिससे उनकी तकलीफ बढ़ गई। एमनेस्टी ने स्पष्ट किया है कि अंतरराष्ट्रीय मानकों के मुताबिक वॉटर कैनन का उपयोग केवल व्यापक हिंसा की स्थिति में ही किया जाना चाहिए, जो यहां नहीं थी।
केवल प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग ही नहीं, बल्कि इमरान खान को जेल में जिस तरह रखा जा रहा है उस पर भी सवाल उठ रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की विशेष प्रतिवेदक एलिस जिल एडवर्ड्स ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री को दिन के 23 घंटे एक अंधेरी कोठरी में बंद रखा जाता है।
इसे अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत ‘मनोवैज्ञानिक यातना’ कहा जा रहा है। उनके सेल में 24 घंटे कैमरा निगरानी होती है और उन्हें बाहरी दुनिया या अखबारों तक पहुंच नहीं दी जा रही है। यह स्थिति किसी भी कैदी के बुनियादी अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने पाकिस्तान सरकार को याद दिलाया कि परिवार और वकीलों से मिलने से रोकना अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संधियों का उल्लंघन है। संयुक्त राष्ट्र के नेल्सन मंडेला नियम साफ तौर पर कहते हैं कि कैदियों के पारिवारिक संपर्क को कभी भी सजा के तौर पर बंद नहीं किया जा सकता। अदालत के आदेश के बावजूद मुलाकात न करने देना पाकिस्तानी प्रशासन की मनमानी को दर्शाता है।
एमनेस्टी ने मांग की है कि इमरान खान को तुरंत उनके कानूनी सलाहकारों और परिवार से मिलने की अनुमति दी जाए ताकि हिरासत की स्थितियों को मानवीय बनाया जा सके।
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अंतरराष्ट्रीय संगठनों की इन टिप्पणियों से पाकिस्तान की वैश्विक छवि को गहरा धक्का लगा है। मानवाधिकार विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो यह मामला अंतरराष्ट्रीय मंचों पर और बड़े स्तर पर उठेगा। एमनेस्टी ने पाकिस्तान सरकार से अपील की है कि वह अपने नागरिकों के प्रति दंडात्मक रवैया छोड़कर लोकतांत्रिक मूल्यों और उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन करे।
इमरान खान की अमानवीय और गरिमा-विहीन हिरासत को खत्म करना अब केवल पाकिस्तान का आंतरिक मामला नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार का मुद्दा बन चुका है।






