आत्मघाती हमले से फिर थर्राया बलूचिस्तान, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Pakistani Army Base Attack: बलूचिस्तान में हिंसा और विद्रोह की लपटें एक बार फिर भड़क उठी हैं। बलूच लिबरेशन फ्रंट (BLF) ने नोशकी जिले में पाकिस्तानी सेना के एक मजबूत और हाई-प्रोटेक्शन वाले मिलिट्री बेस पर बड़ा हमला किया है। यह हमला सोमवार को उस समय शुरू हुआ जब भारी हथियारों से लैस विद्रोहियों ने बेस की सुरक्षा व्यवस्था को भेदने की कोशिश की।
हमले की शुरुआत एक महिला आत्मघाती हमलावर से हुई, जिसे BLF ने जरीना रफीक उर्फ़ ट्रानाग माहो के नाम से पहचान बताई है। उसने विस्फोटक से भरी गाड़ी को मिलिट्री बेस के मुख्य प्रवेश द्वार से टकरा दिया, जिससे बाहरी सुरक्षा घेरे में भारी धमाका हुआ। सुरक्षा दीवार टूटते ही छह अन्य विद्रोही तेज धमाकों और लगातार गोलियों की आवाज़ के बीच बेस के अंदर घुस गए।
BLF का दावा है कि उनके लड़ाके सेंट्रल कंपाउंड फॉर फॉरेन स्टाफ तक पहुंच गए थे, जो रणनीतिक रूप से बेहद अहम माना जाता है और सैंदक व रेको दिक जैसे बड़े माइनिंग प्रोजेक्ट्स से जुड़ा हुआ है। यह पूरा ऑपरेशन BLF की एलीट यूनिट साडो ऑपरेशनल बटालियन ने अंजाम दिया जो BLF की सबसे प्रशिक्षित और स्पेशल-ऑपरेशन विंग है। इस यूनिट में लगभग 40-80 कमांडो जैसे प्रशिक्षित लड़ाके शामिल बताए जाते हैं।
दूसरी ओर, पाकिस्तानी सेना ने दावा किया है कि उनके क्विक रिएक्शन फोर्स ने समय रहते जवाबी कार्रवाई की और तीन हमलावरों को मार गिराया। सेना ने यह भी कहा कि कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है, जबकि BLF का दावा है कि घंटों चली गोलीबारी में पाकिस्तानी सेना के कई जवान हताहत हुए हैं।
इसी बीच चगाई जिले के नोकुंडी कस्बे में फ्रंटियर कोर के मुख्यालय पर भी आत्मघाती हमला हुआ। पाकिस्तानी सुरक्षाबलों के अनुसार, एक आत्मघाती हमलावर द्वारा हमला किए जाने के बाद कम से कम छह हमलावरों ने अंदर घुसने की कोशिश की, लेकिन तीन को मार गिराया गया। इसके अलावा, पंजगुर के गुरमाकन क्षेत्र में भी एक FC चौकी को निशाना बनाया गया, जहां मुठभेड़ की जानकारी सामने आई है। हालांकि कई हमलावरों के मारे जाने की चर्चा है, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
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BLF ने दावा किया है कि 1 दिसंबर तक मुठभेड़ जारी थी, जबकि पाकिस्तानी मीडिया कह रहा है कि ऑपरेशन 30 नवंबर की रात समाप्त कर दिया गया था। इन विरोधाभासी दावों के बीच एक बात साफ है बलूचिस्तान में तनाव लगातार बढ़ रहा है और अलगाववादी गतिविधियां पाकिस्तान के लिए लगातार चुनौती बनती जा रही हैं।