काठमांडू के मेयर बालेन शाह 2026 के चुनावों के लिए 'किंगमेकर' की भूमिका में (सोर्स-सोशल मीडिया)
Gen Z Political Movement Nepal: नेपाल के राजनीतिक परिदृश्य में इन दिनों एक बड़ी हलचल देखने को मिल रही है, जिसका केंद्र काठमांडू के लोकप्रिय मेयर बालेन शाह हैं। मार्च 2026 में होने वाले संसदीय चुनावों को लेकर शाह ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है और वे लगातार नए जमाने के नेताओं और ‘जेन-जी’ समूहों से मुलाकात कर रहे हैं।
हालिया ‘जेन-जी आंदोलन’ के बाद बनी सुशीला कार्की की अंतरिम सरकार में शाह का प्रभाव साफ नजर आ रहा है। अब उनका अगला कदम स्थापित और पारंपरिक राजनीतिक दलों के वर्चस्व को चुनौती देते हुए एक नया विकल्प पेश करना है।
गुरुवार को बालेन शाह और राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (RSP) के अध्यक्ष रवि लामिछाने के बीच हुई लंबी मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी है। लामिछाने, जो युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय हैं, हाल ही में जमानत पर रिहा हुए हैं और अब शाह के साथ मिलकर चुनावी बिसात बिछा रहे हैं।
चर्चा है कि लामिछाने ने बालेन शाह को भावी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में आगे बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। ये दोनों नेता साथ मिलकर उन मतदाताओं को साधने की कोशिश कर रहे हैं जो नेपाल कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल जैसी पुरानी पार्टियों से निराश हो चुके हैं।
बालेन शाह की रणनीति केवल लामिछाने तक सीमित नहीं है। उन्होंने नेपाल विद्युत प्राधिकरण के पूर्व प्रमुख और वर्तमान ऊर्जा मंत्री कुलमान घिसिंग से भी मुलाकात की है। घिसिंग, जिन्हें नेपाल में लोडशेडिंग खत्म करने का श्रेय जाता है, युवाओं के एक बड़े वर्ग के आदर्श हैं।
उनके समर्थकों ने हाल ही में ‘उज्यालो नेपाल पार्टी’ का पंजीकरण कराया है। शाह, लामिछाने और घिसिंग की यह “त्रिमूर्ति” अगर एक साथ आती है, तो नेपाल के आगामी चुनावों में यह एक ऐसी ताकत बन सकती है जिसे नजरअंदाज करना स्थापित दलों के लिए नामुमकिन होगा।
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राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पिछले दो दशकों से सत्ता पर काबिज शेर बहादुर देउबा, केपी शर्मा ओली और प्रचंड जैसे नेताओं के खिलाफ जनता में भारी आक्रोश है। बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के चलते युवाओं ने ‘जेन-जी आंदोलन’ के जरिए अपनी ताकत दिखाई थी।
अब बालेन शाह इसी जनसमर्थन को चुनावी वोटों में बदलने का ‘मास्टर प्लान’ तैयार कर रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई ने भी नए बलों के बीच सहयोग का समर्थन किया है। अगर यह नया मोर्चा सफल होता है, तो नेपाल की सत्ता का संतुलन हमेशा के लिए बदल सकता है।