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बगराम एयरबेस पर अमेरिका की पैनी नजर, जानें चीन सहित इन देशों के लिए क्यों है ये चुनौती?

US China Afghanistan Tension: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस को फिर से अपने कब्जे में लेने की चेतावनी दी है, जिसे तालिबान ने ठुकरा दिया है। यह एयरबेस देश का सबसे बड़ा और...

  • By अमन उपाध्याय
Updated On: Oct 09, 2025 | 09:46 AM

बगराम एयरबेस पर अमेरिका की पैनी नजर, फोटो( सो. सोशल मीडिया)

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Taliban US Tensions: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस को फिर से अपने कब्जे में लेने की चेतावनी दी है, जिसे तालिबान ने ठुकरा दिया है। यह एयरबेस देश का सबसे बड़ा और रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण ठिकाना है। भारत, तालिबान, चीन और रूस सभी इस अमेरिकी कदम का विरोध कर रहे हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान को चेतावनी दी है कि अगर उसने बगराम एयरबेस अमेरिका को वापस नहीं किया, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। हालांकि, तालिबान की सरकार ने ट्रंप की धमकी को अस्वीकार कर दिया है। इस कदम के बाद वैश्विक राजनीति में हलचल तेज हो गई है। अमेरिकी सेना ने 2021 में अफगानिस्तान से अपनी वापसी के दौरान इस एयरबेस को खाली किया था, लेकिन अब अमेरिका इसे फिर से अपने कब्जे में लेने की पूरी कोशिश कर रहा है।

इसी बीच, भारत ने तालिबान, पाकिस्तान, चीन और रूस के साथ मिलकर ट्रंप के इस प्रयास का विरोध किया है। यह विरोध अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी की इस सप्ताह के अंत में तय यात्रा से कुछ ही दिन पहले सामने आया है।

बगराम एयरबेस क्यों है इतना अहम?

बगराम एयरबेस में दो कंक्रीट रनवे हैं, जिनमें से एक 3.6 किमी लंबा और दूसरा 3 किमी का है। यह काबुल से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अफगानिस्तान का पहाड़ी और ऊबड़-खाबड़ इलाका हवाई संचालन को चुनौतीपूर्ण बनाता है, क्योंकि बड़े सैन्य विमान और हथियार ढोने वाले जहाज उतरने के लिए सीमित स्थान मौजूद है। ऐसे में यह एयरबेस रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण बन जाता है।

बगराम एयरबेस, अफगानिस्तान का सबसे बड़ा सैन्य हवाई अड्डा, रणनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यह अमेरिका के “आतंकवाद के खिलाफ युद्ध” में 2001 के बाद एक प्रमुख केंद्र रहा। बगराम प्रांत को रणनीतिक प्रवेश द्वार माना जाता है। यहां से 2.6 किलोमीटर लंबी सालंग सुरंग है जो काबुल को मजार-ए-शरीफ और उत्तरी शहरों से जोड़ती है। 1950 के दशक में सोवियत संघ ने इस एयरबेस का निर्माण किया था। इसके अलावा, परवान-राजमार्ग काबुल को दक्षिण में गजनी और कंधार तथा पश्चिम में बामियान से जोड़ता है, जिससे यह अफगानिस्तान के कनेक्शन और नियंत्रण का एक अहम केंद्र बन जाता ह शीत युद्ध और 1979-1989 के सोवियत-अफगान युद्ध के दौरान इस एयरबेस की रणनीतिक अहमियत और बढ़ गई थी।

बगराम एयरबेस

बगराम एयरबेस का चीन-तालिबान संबंध

2001 में अमेरिका के नेतृत्व में अफगानिस्तान पर हमला होने के बाद, बगराम एयरबेस अमेरिकी सेनाओं का मुख्य संचालन केंद्र बन गया। यह एयरबेस आतंकवाद के खिलाफ युद्ध के दौरान रसद, खुफिया और कमान के महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में कार्य करता रहा। अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद भी इसका सामरिक महत्व कम नहीं हुआ है।

यह भी पढ़ें:- राजनाथ सिंह पहुंचे कैनबरा, एयरपोर्ट से संसद तक भव्य स्वागत, कई बड़े समझौतों पर लगेगी मुहर

हाल ही में चीन और तालिबान के बीच बढ़ती नजदीकियों ने बगराम एयरबेस की भूमिका को और भी प्रासंगिक बना दिया है। इसकी भौगोलिक स्थिति इसे क्षेत्रीय सुरक्षा और शक्ति संतुलन के लिए संवेदनशील बनाती है। बगराम एयरबेस चीन के संवेदनशील परमाणु स्थलों के पास स्थित है, जैसे कि झिंजियांग में लोप नूर परीक्षण स्थल लगभग 2,000 किलोमीटर दूर है और क़िंगहाई प्रांत में कोको नूर परमाणु केंद्र भी पास ही है। इस वजह से, बगराम एयरबेस अभी भी क्षेत्रीय भू-राजनीति में अहम केंद्र बना हुआ है।

इन देशों के लिए है चुनौती

बगराम एयरबेस काबुल से केवल 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और इसे अफगानिस्तान का रणनीतिक केंद्र माना जाता है। इसकी भौगोलिक स्थिति इतनी महत्वपूर्ण है कि अमेरिका यहां से आसानी से ईरान, पाकिस्तान, चीन और रूस समेत मध्य एशियाई क्षेत्रों पर नजर रख सकता है। इसके उत्तर में ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान, पश्चिम में ईरान, दक्षिण में पाकिस्तान और पूर्व में चीन स्थित हैं, जो सभी इस एयरबेस के प्रभाव क्षेत्र में आते हैं। यही कारण है कि यह एयरबेस अमेरिका के लिए बेहद अहम है। बगराम से अमेरिका ने अफगानिस्तान के अलावा पाकिस्तान के कबायली इलाकों में भी ड्रोन हमले अंजाम दिए हैं।

Bagram airbase us trump demand taliban refusal india opposes geopolitics

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Published On: Oct 09, 2025 | 09:46 AM

Topics:  

  • Afganistan
  • America
  • China
  • World News

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