तस्वीर में शेख हसीना औ जो बाइडन
वाशिंगटन: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के आरोपों पर अमेरिका ने दो दिन अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। दरअसल, शेख हसीना की पीएम पद से इस्तीफा देने और देश छाेड़ने के बाद बीते रविवार यानी 11 अगस्त को पहली बार प्रतिक्रिया सामने आई थी। उस दौरान उन्होंने बांग्लादेश में तख्तापलट और देश की हालातों का जिम्मेदार अमेरिका को ठहराया था। शेख हसीना ने अमेरिका पर अपनी सरकार गिराने का आरोप लगाया था।
शेख हसीना के आए इस बयान और आरोपों पर पर अमेरिका ने सोमवार को पहली बार प्रतिक्रिया दी। उसने कहा कि बांग्लादेश में तख्तापलट पर हमारा कोई हाथ नहीं है।
ये भी पढ़ें:-Russia Ukrain War: कुर्स्क में बड़े हिस्से पर यूक्रेन ने जमाया कब्जा, अब क्या करेंगे पुतिन?
शेख हसीना के और क्या थे आरोप
शेख हसीना ने अपने बयान में आरोप लगाया था कि अमेरिका ने सेंट मार्टिन आइलैंड मांगा था। अगर वो इसे दे देतीं तो शायद आज मेरी सरकार बनी रहती। मगर अमेरिका की शर्त न मानना यानी ऐसा न करना उन्हें भारी पड़ गया। हसीना का ये भी आरोप है कि इस आइलैंड के जरिए अमेरिका बंगाल की खाड़ी में अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहता है।
अमेरिका ने रिपोर्ट का किया खंडन
अब शेख हसीना के इन्हीं आरोपों पर पहली बार अमेरिका ने प्रतिक्रिया दी है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव करीन जीन पियरे ने कहा कि बांग्लादेश मामले में हमारा कोई हाथ नहीं है। अमेरिकी सरकार के इसमें शामिल होने की रिपोर्ट अफवाह है और पूरी तरह से गलत है। यह बांग्लादेशी लोगों का चुनाव है। हमारा मानना है कि बांग्लादेश के लोगों को ही अपने देश की सरकार का भविष्य तय करना चाहिए। यही हमारा रुख है।
विदेश नीति विशेषज्ञ और विल्सन सेंटर ने खारिज किया आरोप
शेख हसीना के इन आरोपों पर अमेरिका स्थित विदेश नीति विशेषज्ञ और विल्सन सेंटर में दक्षिण एशिया संस्थान के निदेशक माइकल कुगेलमैन ने सफाई दी। उन्होंने शेख हसीना को सत्ता से बेदखल करने वाली हिंसा के पीछे विदेशी हस्तक्षेप के आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि शेख के दावों और आरोपाें को अमेरिका सिरे से खारिज करता है। आगे कहा कि इन दावों के समर्थन में कोई सबूत नहीं देखा है। निदेशक ने उल्टा ही आरोप मढ़ते हुए कहा कि हसीना सरकार की प्रदर्शनकारियों पर कठोर कार्रवाई ने आंदोलन को और भड़काया था।