हेलीकॉप्टर क्रैश, फोटो (सो. एआई डिजाइन)
Mount Kilimanjaro Helicopter Crash: अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो पर बुधवार शाम एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना का शिकार हो गया। यह हेलीकॉप्टर मेडिकल इवैक्यूएशन मिशन पर था और पर्वत पर फंसे बीमार पर्यटकों को बचाने के लिए उड़ान भरी थी। हादसे में कुल पांच लोगों की मौत हो गई, जिनमें दो विदेशी पर्यटक, एक स्थानीय गाइड, एक डॉक्टर और पायलट शामिल हैं।
यह दुर्घटना किलिमंजारो के लोकप्रिय क्लाइंबिंग रूट पर हुई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हेलीकॉप्टर बाराफू कैंप और किबो समिट के बीच लगभग 4,000 से 4,700 मीटर की ऊंचाई पर क्रैश हो गया। हादसा बाराफू वैली के पास हुआ जो पर्वतारोहियों के लिए एक अहम पड़ाव माना जाता है।
दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर एयरबस AS350 B3 मॉडल का था जिसे किलिमेडएयर (सवाना एविएशन लिमिटेड) संचालित करती है। यह कंपनी किलिमंजारो क्षेत्र में मेडिकल इवैक्यूएशन सेवाएं उपलब्ध कराती है और पीक टूरिस्ट सीजन में रोजाना कई रेस्क्यू ऑपरेशन करती है। बताया जा रहा है कि हेलीकॉप्टर ने टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद नियंत्रण खो दिया और दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसके बाद उसमें आग लग गई।
मृतकों की पहचान चेक गणराज्य के पर्यटक प्लोस डेविड और प्लोसोवा अन्ना, स्थानीय टूर गाइड जिमी म्बागा, मेडिकल डॉक्टर जिमी डेनियल और जिम्बाब्वे के पायलट कॉन्सटेंटाइन माजोंडे के रूप में हुई है। ये सभी लोग ऊंचाई से जुड़ी बीमारी या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे पर्यटकों के रेस्क्यू मिशन में शामिल थे। क्रैश साइट पर पहुंची राहत और बचाव टीमों को कोई भी जीवित नहीं मिला।
किलिमंजारो क्षेत्रीय पुलिस कमांडर साइमन मैग्वा ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार हेलीकॉप्टर उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हुआ। तंजानिया सिविल एविएशन अथॉरिटी (TCAA) ने मामले की जांच शुरू कर दी है। जांच अंतरराष्ट्रीय विमानन सुरक्षा मानकों के तहत की जाएगी, ताकि दुर्घटना के कारणों का पता लगाया जा सके। वहीं, हेलीकॉप्टर ऑपरेटिंग कंपनी की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
गौरतलब है कि माउंट किलिमंजारो की ऊंचाई 5,895 मीटर है और यह हर साल करीब 50,000 पर्यटकों को आकर्षित करता है। यहां ऊंचाई की बीमारी (एल्टीट्यूड सिकनेस) आम समस्या है, जिसके चलते हेलीकॉप्टर रेस्क्यू सेवाओं की अहम भूमिका होती है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी अधिक ऊंचाई पर पतली हवा और अचानक बदलने वाला मौसम ऐसे रेस्क्यू ऑपरेशनों को बेहद जोखिम भरा बना देता है।
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यह हादसा पर्यटन और पर्वतारोहण जगत के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। इससे पहले किलिमंजारो पर आखिरी बड़ा हेलीकॉप्टर हादसा नवंबर 2008 में हुआ था, जिसमें चार लोगों की मौत हुई थी। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस ताजा दुर्घटना के सही कारण स्पष्ट हो सकेंगे।