सुकांत मजमूदार, फोटो - सोशल मीडिया
अलीपुरद्वार : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर दिए गए बयान पर भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी को पहले ये सीखना चाहिए कि कब और क्या बोलना है।
मजूमदार ने ममता बनर्जी की भाषा शैली पर सवाल उठाते हुए कहा, “प्रधानमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के खिलाफ इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करना यह दर्शाता है कि ममता बनर्जी में राजनीतिक परिपक्वता और शिक्षा की कमी है। ऐसी सोच रखने वाली व्यक्ति मुख्यमंत्री पद के लायक नहीं है।”
सुकांत मजमूदार ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सिर्फ यह पूछा था कि पश्चिम बंगाल में विश्वकर्मा योजना और आयुष्मान भारत योजना को लागू क्यों नहीं किया गया। इसके जवाब में ममता बनर्जी ने कहा कि अगर योजना लागू करनी है, तो पोस्टर और होर्डिंग्स पर प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर नहीं होनी चाहिए। इस पर मजूमदार ने तंज कसते हुए कहा, “फिर वो किसकी तस्वीर चाहती हैं? पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की?”
सुकांत मजूमदार ने ममता बनर्जी को सलाह दी कि वह ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के उपलक्ष्य में पश्चिम बंगाल में तिरंगा यात्रा निकालें। उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर हमारे सशस्त्र बलों की एक बड़ी जीत है। इसका जश्न पूरे देश को मनाना चाहिए। तृणमूल कांग्रेस को भी यह सम्मान देना चाहिए और अपने गढ़ डायमंड हार्बर में तिरंगा यात्रा निकालनी चाहिए।”
यह टिप्पणी ममता बनर्जी के उस बयान के बाद आई जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री के अलीपुरद्वार भाषण की आलोचना करते हुए कहा था, “मोदी जी ने आज जो कहा, वह सुनकर हम स्तब्ध हैं। जब विपक्ष देश का प्रतिनिधित्व कर रहा है, तब इस तरह की बातें करना दुखद है। भाजपा के एक मंत्री ने यहां तक कह दिया कि ऑपरेशन सिंदूर की तरह अब ऑपरेशन बंगाल करेंगे। मैं चुनौती देती हूं कि अगर हिम्मत है, तो कल ही चुनाव करा लें। बंगाल तैयार है!”
ममता बनर्जी ने भाजपा पर राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दों का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाते हुए कहा, “आप उस समय भी विपक्ष की सरकार को दोष दे रहे थे जब वह आतंकवाद के खिलाफ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी थी। आपने हमेशा विपक्ष को झूठे आरोपों से घेरा है। आप झूठ और जुमलों की राजनीति करते हैं। ऑपरेशन सिंदूर पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगी, लेकिन याद रखिए, हर महिला की अपनी गरिमा होती है।” इस बयानबाजी के बाद पश्चिम बंगाल की राजनीति में गर्मी बढ़ गई है और आने वाले दिनों में चुनावी टकराव और तीखा हो सकता है।