सांकेतिक फोटो- RSS-BJP
West Bengal Politics: वर्ष 2026 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राज्य इकाई के साथ समन्वय बैठकों का एक मैराथन दौर पूरा कर लिया है। इन बैठकों का उद्देश्य राज्य में अपने अभियान का खाका तैयार करने के साथ संगठनात्मक रणनीति को तैयार करना था। बुधवार रात शुरू हुई दो दिवसीय बैठकों में भाजपा के केंद्रीय और राज्य नेतृत्व के साथ-साथ आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी भी शामिल हुए।
राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष ने प्रदेश अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य, नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी और अन्य के साथ विचार-विमर्श का नेतृत्व किया। आरएसएस के वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे। पार्टी सूत्रों के अनुसार, यह चर्चा भाजपा संगठन को मजबूत करने, उसकी पहुंच बढ़ाने और 2021 के चुनाव के बाद से पार्टी के विकास में बाधा डालने वाली अड़चनों को दूर करने के लिए एक रूपरेखा तैयार करने पर केंद्रित रही। इस वर्ष विजयादशमी (दो अक्टूबर) को होने वाले आरएसएस के शताब्दी समारोह और बंगाल में एसआईआर के कार्यान्वयन जैसे राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दों पर भी बातचीत हुई।
एक वरिष्ठ भाजपा पदाधिकारी ने कहा कि वर्ष 2026 के चुनाव से पहले तालमेल सुनिश्चित करने के लिए पार्टी और संघ के बीच समन्वय पर ध्यान केंद्रित किया गया। भाजपा कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहती।” चर्चा गुरुवार रात को समाप्त हुई। हालांकि, विचार-विमर्श के बावजूद पार्टी की नई राज्य समिति को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका, जो भाजपा की बंगाल इकाई के भीतर की गुटबाजी को दर्शाता है। बताया जा रहा है कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य के नेताओं पर अपने मतभेदों को जल्द से जल्द सुलझाने और भट्टाचार्य के नेतृत्व में एक कार्यात्मक टीम बनाने का दबाव डाला है।
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प्रमुख संगठनात्मक भूमिकाओं के लिए रितेश तिवारी, राजू बनर्जी, संजय सिंह, प्रबल राहा, लॉकेट चटर्जी और ज्योतिर्मय सिंह महतो सहित कई नेताओं के नाम विचाराधीन हैं। अग्रिम मोर्चे की बात करें, तो महिला शाखा के लिए शशि अग्निहोत्री और रूपा गांगुली, जबकि युवा शाखा के नेतृत्व के लिए तरुणज्योति तिवारी और सुरंजन सरकार संभावित उम्मीदवार हैं। गांगुली वर्ष 2015 से 2017 तक भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष रहीं। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि ये बैठकें बंगाल में अपनी हार का सिलसिला तोड़ने के भाजपा के दृढ़ संकल्प को दर्शाती हैं।