ममता बनर्जी (फोटो-सोशल मीडिया)
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ‘बंगाली अस्मिता’ के मुद्दे को तेज करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर बंगालियों के खिलाफ “भाषायी आतंकवाद” फैलाने का आरोप लगाया। ममता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के चुनाव हारने तक पहचान और भाषा की लड़ाई जारी रहेगी। कोलकाता में शहीद दिवस रैली को संबोधित करते हुए ममता ने 2026 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को हराने और अंततः इसे केंद्र की सत्ता से बाहर करने का आह्वान किया।
सीएम बनर्जी ने कहा कि अगर भाषा के आधार पर भेदभाव (भाषायी प्रोफाइलिंग) नहीं रुका, तो हमारा विरोध आंदोलन नई दिल्ली तक पहुंचेगा। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ने घोषणा की अगर जरूरत पड़ी, तो बांग्ला भाषा पर भाजपा के आतंकवाद के खिलाफ दूसरा भाषा आंदोलन शुरू करेंगे। 27 जुलाई से बंगाल में बंगालियों, बांग्ला भाषा पर हमले और ‘भाषा संत्रास’ के विरोध में एक आंदोलन शुरू होगा।
पहला भाषा आंदोलन
पहला भाषा आंदोलन 1952 में तत्कालीन पूर्वी बंगाल (अब बांग्लादेश) में हुआ था, जहां लोगों ने मांग की थी कि बांग्ला को पाकिस्तान की आधिकारिक भाषाओं में से एक बनाया जाए। संयुक्त राष्ट्र ने बांग्ला भाषा आंदोलन के सम्मान में 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में घोषित किया था। ममता ने इस आंदोलन को बंगाली पहचान को कथित तौर पर हाशिये पर डाले जाने के खिलाफ एक बड़े प्रतिरोध के रूप में पेश किया। उन्होंने कहा कि हमें 2026 के विधानसभा चुनावों में अधिक सीटें जीतनी होंगी और फिर भाजपा को हराने के लिए दिल्ली कूच करना होगा।
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“जोब्दो होबे, स्तोब्धो होबे”
ममता ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को नारा दिया, “जोब्दो होबे, स्तोब्धो होबे। अमादेर दर्शन, तोमादेर बिसोर्जोन” यानी उन्हें जब्त कर लिया जाएगा, उन्हें चुप करा दिया जाएगा, हमारी विचारधारा, आपका पतन। रैली के मद्देनजर मध्य कोलकाता का एस्प्लेनेड क्षेत्र केसरिया, सफेद और हरे रंग के क्षेत्र में बदल गया। पूरे पश्चिम बंगाल से लाखों लोग टीएमसी की वार्षिक शहीद दिवस रैली के लिए एकत्र हुए। शहर के केंद्र में ‘जय बांग्ला’ और ‘टीएमसी जिंदाबाद’ के नारे गूंजे। भाजपा-शासित राज्यों में बंगालियों को परेशान किए जाने का आरोप लगाते हुए ममता ने कहा कि समुदाय की पहचान को मिटाने की कोशिश की जा रही है, चाहे वह एनआरसी नोटिस हों, मतदाता सूची से नाम हटाना हो।
ममता बनर्जी बोलीं- मैं भजापा को चुनौती देती हूं
टीएमसी प्रमुख ने कहा, “2019 में उन्होंने (भाजपा ने) ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा तोड़ दी थी। उन्होंने बंगाली महापुरुषों का अपमान किया और उसके परिणाम भी देखे। अब, वे मतदाता सूचियों से बंगालियों के नाम हटाने के लिए अधिसूचनाएं जारी कर रहे हैं। भाजपा शासित राज्यों में बंगालियों को हिरासत शिविरों में डाला जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं भाजपा को चुनौती देती हूं और देखती हूं कि वे कितने लोगों को जेल में डालेंगे।”-एजेंसी इनपुट के साथ