
TMC विधायक मदन मित्रा (Image- Social Media)
West Bengal Politics: पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्रा के बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। इस बयान के बाद राजनीतिक बवाल मच गया है। मदन मित्रा ने कहा कि भगवान राम मुसलमान थे और उनका कोई उपनाम नहीं था। इस बयान को लेकर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और इसे हिंदू धर्म का अपमान करार दिया है। हालांकि ममता बनर्जी का इस पर कोई बयान नहीं आया है। लेकिन बवाल बढ़ने पर मदन मित्रा ने खुद का बचाव करते हुए यह स्पष्ट किया कि उनका मकसद धर्म पर हमला करना नहीं था, बल्कि भाजपा की “हिंदू धर्म की सतही समझ” को उजागर करना था।
भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस की इस बात की आलोचना की है कि वह बार-बार हिंदू भावनाओं को आहत कर रही है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। इस विवाद ने आगामी चुनावों से पहले राज्य में राजनीतिक और धार्मिक मतभेदों को और बढ़ा दिया है।
तृणमूल कांग्रेस विधायक मदन मित्रा ने गुरुवार को भाजपा के उस आरोप का खंडन किया, जिसमें उन पर “जानबूझकर हिंदू धर्म का अपमान करने” का आरोप लगाया गया था। उन्होंने कहा, “भाजपा के प्रदीप भंडारी द्वारा इंटरनेट पर साझा किया गया विवादित वीडियो पिछले साल एक सार्वजनिक कार्यक्रम में दिए गए भाषण का एडिटेड वर्जन है।” उन्होंने बताया, “यह एक पुराना वीडियो है… 2024 का। इसे अब (अगले साल की शुरुआत में बंगाल चुनाव से पहले) एडिट कर प्रकाशित किया गया है। वे पूरा वीडियो नहीं दिखा रहे हैं। अगर वे इसे पूरा प्रकाशित करेंगे, तो उन्हें पता चलेगा कि मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा है।”
इससे पहले भंडारी ने अपने X अकाउंट पर 35 सेकंड का वीडियो पोस्ट किया और दावा किया कि मदन मित्रा, जो 2011 में अपनी जीत तक वामपंथी गढ़ माने जाने वाले कमरहटी से दो बार विधायक रह चुके हैं, उन्होंने कहा था, “राम मुसलमान हैं… हिंदू नहीं।” भंडारी ने कहा, “तृणमूल की यही हालत हो गई है… हिंदू मान्यताओं पर रोज़ाना हमले, हिंदू धर्म और बंगाली लोगों की परंपराओं का मज़ाक उड़ाना। वोट बैंक को खुश करने के लिए घटिया उकसावे वाली हरकतें… यही (मुख्यमंत्री) ममता बनर्जी की एकमात्र प्राथमिकता है। ऐसे बयान सिर्फ अज्ञानता से नहीं आते… बल्कि राजनीतिक संरक्षण से आते हैं। जब ममता बनर्जी चुप रहना चुनती हैं, तो यह साफ़ हो जाता है कि इस अपमान को उनकी स्वीकृति प्राप्त है।”
तृणमूल ने विधायक मदन मित्रा द्वारा भगवान राम पर की गई टिप्पणियों से खुद को अलग कर लिया है। पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, “जब बात मदन मित्रा की हो, तो हम उनके बयानों पर टिप्पणी करने के योग्य नहीं हैं। हमने ‘रामायण’ पढ़ी है, हम अयोध्या, लंका और सीतामढ़ी के बारे में जानते हैं।” X पर वीडियो पोस्ट करते हुए बंगाल बीजेपी ने कहा, “हमारी संस्कृति और इतिहास का यह निरंतर अपमान कोई जुबान फिसलने वाली बात नहीं है! बल्कि यह अवैध बांग्लादेशियों को एक स्पष्ट संदेश है कि टीएमसी सबसे ‘हिंदू-विरोधी’ पार्टी है और इसलिए उनके विचारों का प्रतिनिधित्व करती है।”
यह भी पढ़ें- ‘AQI का फेफड़ों की बीमारियों से कोई सीधा कनेक्शन नहीं’, प्रदूषण को लेकर संसद में मोदी सरकार का जवाब
भाजपा ने टीएमसी को मित्रा के खिलाफ कार्रवाई करने की चुनौती भी दी। टीएमसी ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, जबकि विधायक के करीबी सूत्रों ने दावा किया, “यह मनगढ़ंत है। उन्होंने कहा था कि भगवान राम धर्म से ऊपर हैं। इसे जानबूझकर गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।”






