(फोटो सोर्स सोशल मीडिया)
कोलकाता : बंगाल के एक प्रवासी मजदूर की कथित तौर पर चेन्नई में भूख के कारण हुई मौत के मामले में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने चिंता जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कड़ी आलोचना की है। राज्यपाल ने कहा कि उनके संवैधानिक सहयोगी लोगों की जिंदगियों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। घटना के जानकारी मिलने पर राज्यपाल केरल से चेन्नई पहुंचे जहां उन्होंने अधिकारियों को श्रमिकों की मदद के लिए अस्पताल भेजा। बता दें कि बंगाल के कई श्रमिक भुखमरी के कारण चेन्नई रेलवे स्टेशन पर बेहोश हालत में मिले थे। इस मामले के सामने आने के बाद बंगाल सरकार की काफी आलोचना हो रही है।
चेन्नई में कथित तौर पर भुखमरी के कारण राज्य के एक प्रवासी श्रमिक की मौत का मामला सामने आया था। यह श्रमित पूर्व मेदिनीपुर जिले का निवासी था। प्रवासी मजदूर की सोमवार को तमिलनाडु की राजधानी में भूख के कारण मौत हो गई थी। राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने राज्य के प्रवासी श्रमिकों की दुर्दशा पर गहरी चिंता व्यक्त की जिन्हें आजीविका की तलाश में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
सरकारी सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार हाल ही में यहां से कई प्रवासी कामगार नौकरी की तलाश में चेन्नई गए थे लेकिन उन्हें वहां कोई काम नहीं मिला। इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने बुधवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए कहा, क्या ममता बनर्जी गांधीजी के प्रिय दरिद्र नारायण की देखभाल इस तरह करती हैं? सबको सन्मति दे भगवान। उन्होंने आगे कहा कि ये मजदूर भूख से बेहाल और बहुत बुरी हालत में पाए गए।
इनमें से 5 श्रमिकों को चेन्नई रेलवे स्टेशन से बेहोशी की हालत में बचाया गया और अस्पताल में भर्ती कराया गया। राज्यपाल ने कहा कि जिस अस्पताल में इन पांचों मजदूरों को भर्ती कराया गया था, वहां भी इस बात की पुष्टि हुई है कि भूख के कारण इन लोगों की यह हालत हुई। इनमें से तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है। इन मजदूरों में से एक समर खान की 30 सितंबर को मौत हो गई थी।
एक अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार मृतक श्रमिक समर खान का शव उसके गृह जिले पूर्वी मेदिनीपुर में भेजा जा रहा है। चार अन्य श्रमिक अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें से एक की हालत गंभीर बनी हुई है। राज्यपाल बोस ने नसीहत देते हुए कहा कि राज्य सरकार को प्रवासी श्रमिकों की दुर्दशा के प्रति संवेदनशील और उत्तरदायी होना चाहिए।
राज्यपाल बोस इस दौरान केरल में थे और घटना के बाद वह चेन्नई के लिए रवाना हुए। उन्होंने अस्पतालों में भर्ती श्रमिकों तथा आश्रय गृहों में रह रहे लोगों की सहायता के लिए अधिकारियों को वहां भेजा । उन्होंने राज्य सरकार से प्रवासी श्रमिकों की मदद के लिए जरूरी कदम उठाने का आग्रह भी किया है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)