कोलकाता हत्या मामला (सोर्स:-सोशल मीडिया)
कोलकाता: कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ दरिंदगी के बाद हत्या मामले में सीएम ममता बनर्जी की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। हां ये एक अलग बात है कि ये मामला अब एक राजनीतिक मोड़ ले चुका है। पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए राज्यभर में प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टर्स की टीम भी ममता सरकार से कई सारे सवाल पूछ रही है।
बात अगर राजनीतिक पार्टियों की करें तो अभी तक बीजेपी ने ममता सरकार का विरोध कर बंगाल की राजनीति में गर्माहट ला दी, लेकिन अब इस मामले में ओपेन रूप से कांग्रेस की एंट्री ने दीदी की मुश्किलें और बढ़ा दी है। जी हां बीजेपी और छात्रों संगठन के बाद अब कांग्रेस भी दीदी के खिलाफ बंगाल में विरोध प्रदर्शन कर ममता सरकार से तीखे सवाल पूछ रही है।
कांग्रेस ने कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में एक महिला चिकित्सक के साथ हुए कथित बलात्कार और हत्या के विरोध में बृहस्पतिवार को रैली का आयोजन किया। कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अधीर चौधरी के नेतृत्व में निकाली गई रैली कॉलेज स्क्वायर से शुरू हुई और उत्तर कोलकाता में श्यामबाजार क्रॉसिंग की ओर बढ़ी, जो आर जी कर अस्पताल के करीब है।
ये भी पढ़ें:-हरित उर्जा की दिशा में रिलायंस ने बढ़ाया कदम, अंबानी ने अपना पहला सौर उपकरण कारखाना शुरू करने का किया ऐलान
आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में नौ अगस्त को महिला चिकित्सक का शव मिला था। इस बीच, एक अन्य रैली में सैकड़ों महिलाओं ने कोलकाता की सड़कों पर प्रदर्शन किया। हाथों में तख्तियां और बैनर लिए प्रदर्शनकारी महिलाओं ने अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की और शहर में महिलाओं के लिए कड़े सुरक्षा उपाय करने की अपील की।
चलिए अब आपको विस्तार से बताते है कि आखिर नबन्ना अभियान के तहत होने वाली रैली का क्या तर्क है। तृणमूल कांग्रेस और पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा संभावित व्यवधान पैदा करने के दावों के बीच विद्यार्थी संगठन छात्र समाज ने सोमवार को कहा कि उनकी 27 अगस्त की नबन्ना अभियान रैली शांतिपूर्ण होगी। आयोजक छात्र समाज ने कहा कि रैली का मकसद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का इस्तीफा मांगना तथा आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर के साथ बलात्कार और उसकी हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी की मांग करना है।
वहीं इस रैली के बारे में छात्र समाज के प्रवक्ता सायन लाहिड़ी ने कहा तृणमूल कांग्रेस और पुलिस द्वारा किए गए दावे निराधार हैं। हमारा उद्देश्य शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगें उठाना है। अगर हमें रोका गया, तो हम आरजी कर मामले जैसी घटनाओं को रोकने में विफल रहने के कारण मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग करने के लिए अहिंसक तरीके से राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ के द्वार तक जाने का प्रयास करेंगे।
लाहिड़ी ने स्पष्ट किया कि कॉलेज स्क्वायर फोर्ट विलियम और संतरागाछी से दोपहर में शुरू होकर नबन्ना की ओर जाने वाली रैली का आयोजन एक गैर-राजनीतिक मंच द्वारा किया जा रहा है, जिसका भाजपा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) या एबीवीपी से कोई संबंध नहीं है।
ये भी पढ़ें:-तेज बारिश से जलमग्न हुआ गुजरात, पीएम मोदी ने सीएम पटेल से बात कर लिया जायजा
इसके साथ ही प्रवक्ता ने कहा कि हमने ई-मेल के माध्यम से पुलिस को रैली के बारे में सूचित किया है और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कई बार इस पर चर्चा की है। यह आरोप निराधार है कि हमारी रैली अवैध है।